सोमवार, 20 फ़रवरी 2017

गजल

छौ तोहर केहन करतूत सखी
देखि जो कनी हमर सबूत सखी

छै काँचे जौबन काँचे जीबन
नेहो हुनकर काँचे सूत सखी

बहुते झुकला टुटलापर लागल
दुनियाँमे किछु नै निजगूत सखी

हुनकर घिरना सहि बुझलहुँ जे
हम्मर नेह कते मजबूत सखी

नहिए रहलै विश्वासो लायक
अनचिन्हरबा छै अवधूत सखी

सभ पाँतिमे 222-222-222 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों