मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

गजल

गजल-8

सबटा मोनक बात हुनक आँखि बता गेल
बहल एहन बसात हमर होश उड़ा गेल

नदीकेँ धारकेँ विपरीत चलबाक कोशिश
भासैत जा रहल स्वप्न सब किछु हेरा गेल

पाथरपर फूल उगायब जुनि छै कठिन
डेगहिँ-डेग मिलल निराशा आश जगा गेल

स्वार्थक बदरी मानवतापर मँडरायल
भाइ-भाइमे दुश्मनी गामक-गाम जरा गेल

संस्कृतिकेँ झकझोरैत नव जमानाकेँ दौड़
लोक-लाज गुम अपन उपस्थिति देखा गेल

गरीबी केर लत्ती चहुँ ओर लतरल अछि
गमकैत फुलबाड़ी "सुमित" पल भरिमे सुखा गेल

वर्ण-17
सुमित मिश्र
करियन ,समस्तीपुर

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों