सोमवार, 28 सितंबर 2015

गजल



सुक्खल सुक्खल घाम भेटत
हड्डी हड्डी चाम भेटत

गौरी शंकर सीता संगे
सेवा केने राम भेटत

कैंचा कौड़ी सभकेँ चाही
बुड़िबक बनने दाम भेटत

हड़तालक महिमा बुझै छी
धरना देने धाम भेटत

सोहागक बाते अलग छै
महुआ भेने आम भेटत

सभ पाँतिमे 2222-2122 मात्राक्रम अछि

दोसर आ तेसर शेरमे एक-एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों