शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

गजल

केखनो उठा देलकै
केखनो खसा देलकै

देवता बना केकरो
नोरमे भसा देलकै

डारि पात छै ओकरे
बात से बुझा देलकै

पानि छै बहुत दूर तँइ
आगि ओ लगा देलकै

सोचने रहै अपने सन
आन सन बना देलकै

सभ पाँतिमे 212+12+212 मात्राक्रम अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों