शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2019

गजल

हुनकर बाजब काँटे कूस
सुनबैया के मनुआ झूस

हमरा चाही हुनकर नेह
बाजू लेबै कत्ते घूस

भागल रौदी दाही बेर
खाली आबै माघे पूस

धर्मी डूबल बिच्चे धार
बड़का पापी अनका दूस

नेता भेलै लड्डूलाल
जनता भेलै लेमनचूस

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। "धर्मी डूबल बिच्चे धार" ई पाँति कबीरक एक पदसँ प्रेरित अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों