शनिवार, 25 नवंबर 2017

गजल

केहन छै ई लोकक आँखि
फूलक मूँह काँटक आँखि

सभहँक भूख एकै रंग
ताकै खाद खेतक आँखि

कोनो बिंदुपर मीलल छै
शहरक आँखि गामक आँखि

सुरजक बात कहिए देत
भोरक देह साँझक आँखि

अनचिन्हार एबे करतै
रहलै जागि बाटक आँखि 

सभ पाँतिमे 2221 2221 मात्राक्रम अछि 
मतलाक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि, तेसर आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि


सुझाव सादर आमंत्रित अछि

बुधवार, 15 नवंबर 2017

गजल

सपनाइत रहलहुँ हम
डेराइत रहलहुँ हम

मँजाइत रहल एड़ी
चिकनाइत रहलहुँ हम

जते सुनेलक से सभ
पतिआइत रहलहुँ हम

अइ हाथसँ ओइ हाथ
बदलाइत रहलहुँ हम

हुनकर मोनक बाकस
सैंताइत रहलहुँ हम

इम्हर उम्हर सभठाँ
उसनाइत रहलहुँ हम

चुप्पे अनचिन्हारसँ
बतिआइत रहलहुँ हम

सभ पाँतिमे 22 22 22 मात्राक्रम अछि
दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि


सुझाव सादर आमंत्रित अछि

गुरुवार, 9 नवंबर 2017

गजल

कागजमे सुधार छलै
फाइलमे बहार छलै

केहन बेबहार छलै
कनियों नै विचार छलै

टूटल बस पगार छलै
सरकारो लचार छलै

किश्ती भरि कऽ आबि रहल
जीवनमे उधार छलै

बनि चिन्हार खूब फँसल
अनचिन्हार पार छलै

सभ पाँतिमे 22-212-112 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों