गजलकार

अभय दीपराज 
गजल

अरविन्द ठाकुर
गजल-१
छाती तँ तानल छल शस्त्र उठयबाक बेर
गजल-२
जनपथ छोड़ि राजपथ जायब से हमरा की नीक लगैए


आरसी प्रसाद सिंह

गुलाबी गजल

आशीष अनचिन्हार
गजल-१
किछु विरोधाभास विचित्रे बुझाइत छैक
गजल-२ 
जँहा देखलहुँ घर तहीं धर खसा लेलहुँगजल-३
गप्प जखन बिआहक चलल हेतैक
जल-थल बसात लेल युद्ध
गजल-४
मछगिद्ध जँ माछ छोड़ि दिअए त डर मानबाक चाही
मालक खातिर माल-जाल बनल लोक
गजल-५
भोज ने भात हर-हर गीत की करू
कीनल खुशी पर हसूँ कतेक
गजल-६
देश चुल्हा मे गेल संसद मे हल्ला मचि रहल
एहि रुपें सभ मे करार हेतैक
गजल-७
इजोतक दर्द अन्हार सँ पुछियौ
 बेमार छी मुदा बेमार नहि लगैत छी

गजल-८
इहो अहाँक प्रेम छल पछाति जानल हम
अहाँ निरोध करु
गजल-९
 मोन पडै़ए केओ अनचिनहार सन
गजल-१०
एना जे धड़ के नेड़ा बैसल छीगजल-११
अनका रोकबाक चक्कर मे अपने रुकि गेलहुँ

गजल-१२
अपन आँखि मे बसा लिअ हमरा
जादू-मंतर मारि देलकै ओ जाइत-जाइत 
गजल-१३
जीवन मे दर्दक सनेश शेष कुशल अछि
लीखू कतेक मूसक आखर बिलाइक नाम
गजल-१४
आबि जाइए अहाँक सोह केखनो-केखनोगजल-१५
एकटा चान जे हमरा लग राति मे अबैए
गजल-१६
बम सँ डेड़ाएल अछि मनुख सँ हेमान धरिगजल-१७
यथा एन्नी तथा ओन्नी एन्नी-ओन्नी तथैव च
गजल-१८
भ्रष्टाचार अँहिक खूरक प्रतापे
गजल-१९
असली हाथीक नकली दातँ थिक संबंध
 गजल-२०
बाजू चोरक लेल ताला की
गजल-२१
चुप्प अछि मनुख गिद्दर भुकबे करतैक
गजल-२२
देखिऔ कोना भेलैक गाछ के कात भेने

 गजल-२३
कहिओ सम कहिओ विषम
गजल-२४
रचना कतेक टका लगतै सपना किनबाक लेल
गजल-२५
पूरबे आ पश्चिमे सँ अएलै एहन फसादी रे जान
गजल-२६
करेजक पौती की थिक बुझलँहु हम आब
 गजल-२७

मूस मोटेतै लोढ़ा हेतै
गजल-२८
आरे तिरपित पारे तिरपित

बाढ़िपर शेर 

कालीकान्त झा "बूच"
गजल-१
गजल-२
गजल-३

गजल-४
गजल-५
गजल-६


गंगेश गुंजन
गजल-१ दु:खे टा चारू कात छै आ जी रहल-ए लोक
गजल

गजेन्द्र ठाकुर
गजल
गजल
गजल
गजल
गजल-१
सत्य तकबामे अछि मेहनति बड़, से आइ, नहि जानि किएक
गजल-२
सबसबाइत गप्प छल  तकैत हमरापर गुम्हराइत

आठ टा गजल


चारिटा गजल

तीनटा गजल

जीवन झा
गजल

तारानन्द वियोगी
गजल-१
प्रेम जगत के पाया छीबांकी सब किछु माया छी
गजल-२
ओ मनुक्ख जे टुकडी-टुकडी भेल पडल अछि
गजल-३
सूतल जागल सोह अहीं के आबैए
गजल-४
ओ दुन्नू जे नैन मे नैन मिला रहलैए 


त्रिपुरारि कुमार शर्मा


गजल


देवशंकर नवीन
गजल-१
पैघक संरक्षण जं किनकहु भेटि रहल हो भाइ।
जहर केर घोंट भरि सजनी जँ पीबी अहाँक हाथें हम
हमर विषपानसँ जुनि होउ प्रमुदित हम ने एसगर छी
बान्हल हमर मुरेठाकें नहि, रहलै अछि ककरहु सन्त्रास


धीरेन्द्र प्रेमर्षि
गजल
१.झुट्ठो जे नहि डाइन नचौलक ओ भगता ओ धामी की
२.मोन जँ कारी अछि तँ चमड़ी गोरे की करतै? 
गजल  
३.घसाइत आ खिआइत चोख फार भेल छी
४.जँ बजितहुँ हम फूसि तँ भगवाने छलहुँ
५.आबि गेल गजलोमे रोशनसँ रोशनी
६.हम कहब ने कथमपि हथियार निकालू
७.हम्मर सरकारक महा ने साफ नीयत छै
८.जीवनकेर डोर छोड़ि हाथक लटाइमे
९.बोल रे मन एकतारा बोलै टनन-टनन-टन-टन
१०.सिहकैत कनकन्नीमे सीटर छी, जर्सी छी
११.मुक्तिगीत अम्मल अछि, जीयब हम अमलेमे       


नरेन्द्र
गजल
कतबो कहबै सूरति हाल

डॉ. नरेश कुमार "विकल"

गजल-४
गजल-३
गजल-२
गजल-१


प्रेमचन्द्र पंकज
गजल
मनोज

गजल-१ 
आदमी छल - छद्मकं मोहरा बनल ।
रूप के चर्चा कंरू कंी, भूख सँ आछ आँत बैसल ।
धज्जी रातुकं श्याह आँचर मे, अहल भोर के ताकिं रहल छी । 


राजेन्द्र विमल
गजल  
 नयनमे उगै छै जे सपनाकेर कोँढ़ी फुलएबासँ पहिने सभ झरि जाइ छै


रामभरोस कापड़ि "भ्रमर"
गजल
करिछौंह मेघके फाटब, एखन बाँकी अछि

रामलोचन ठाकुर
गजल
चलू तिरंगा कने उड़ा ली हर्जे की।

रोशन जनकपुरी
नाचि रहल गिरगिटिया कोना, डर लगैए
गजल

रोशन झा 

गजल 

वृखेशचन्द्र लाल
गजल
नजरि अहाँक चितकेर जूड़ा दैत अछि। 

नजरि अहाँक चितकेर जूड़ा दैत अछि।

शिव कुमार झा "टिल्लू"
 गजल

शेफालिका वर्मा
गजल-१
रिश्ता दर्द्क ऐछ कागज पर नहीं लिखू 
खंड खंड जीवन जिनाई जिअल नहीं जैत ऐछ 
कतेक मोसकिल ऐछ जिनाई  


गजल-२
सागर में आगि बिजली आसमान मे


सद्रे आलम गौहर 
गजल


सुनील कुमार झा 

गजल
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों