शनिवार, 30 अप्रैल 2016

गजल

शासन छै बीत भरि के
डाँटन छै बीत भरि के

संबंधो सभ हँसैए
आँगन छै बीत भरि के

नमहर छै मृत्यु ऐठाँ
जीबन छै बीत भरि के

महकल छै कर्म ओकर
चानन छै बीत भरि के

सभहँक हिस्सा पियासे
साबन छै बीत भरि के


सभ पाँतिमे 222-2122 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016

गजल

गजल

अहींकेँ लेल हे प्रियतम हिया अजबारि रखने छी
अहाँकेँ देल सब टा यादिकेँ सम्हारि रखने छी

चलू चलि जाइ दुनियाँ छोड़ि हम निर्जन सघन वनमे
रहब हम आ अहाँ केवल कथा विचारि रखने छी

कथी छै मोल ई देहक कतहुँ नै देहकेँ मोजर
अनेरे रूपकेँ प्रियतम सजा संवारि रखने छी

उठै छै मोनमे पीड़ा जखन दै मीत सब धोखा
हँसय नै लोक दोस्तीपर, मनहिमे गाड़ि रखने छी

कहाँ छै जोर ई मनपर पथिक ई मस्त मौला छै
भटकि नै जाइ बाटसँ 'अमित' तेँ पुचकारि रखने छी

१२२२-१२२२-१२२२-१२२२

अमित मिश्र

शनिवार, 16 अप्रैल 2016

गजल

हाटो अनचिन्हार
दामो अनचिन्हार

निर्धन परजा केर
राजो अनचिन्हार

गायक वादक संग
भासो अनचिन्हार

श्वासक संगे-संग
आसो अनचिन्हार

पहिने हम तै बाद
ओहो अनचिन्हार

सभ पाँतिमे 222221 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

रविवार, 3 अप्रैल 2016

गजल

भक्ति गजल

विधिकेँ हाथ
विधिना साथ

सभहँक नाथ
भोलेनाथ

हुनका आगू
झूकै माथ

तोरा लग नै
कोनो लाथ

किछु भक्तिक तों
चिपड़ी पाथ

सभ पाँतिमे 2221 मात्राक्रम अछि
तेसर, चारिम आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि



शनिवार, 2 अप्रैल 2016

गजल

केखनो बकलोल छी हम
केखनो अनमोल छी हम

केखनो मिठ आम जामुन
केखनो बस ओल छी हम

केखनो चुपचाप बैसल
केखनो अनघोल छी हम

सुर सधल नै जे बजेलक
एक फूटल ढ़ोल छी हम

ने हटेलक ने उठेलक
बड़ अभागल खोल छी हम

सभ पाँतिमे 2122 + 2122 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों