शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

गजल

फरेबक नियम मुँहजबानी बतेलक
मरबकेँ विकासक निशानी बतेलक

अपन खर्चकेँ मानि बैसल जरूरति
हमर खर्चकेँ ओ फुटानी बतेलक

जखन तर्क मँगलहुँ तकर बाद बुझलहुँ
अपौरुष कहीं आसमानी बतेलक

नरेटी दबेलक कियो आबि चुप्पे
कियो आबि चुप्पे कहानी बतेलक

कनी बात ठोकर सिखा गेल हमरा
कनी बात ई बुद्धिमानी बतेलक

सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि आ ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

 

मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

गजल

बात बाजै जोर चोट्टा
देश बेचै चोर चोट्टा

आँखिमे की छै गरीबक
बाँचि गेलै नोर चोट्टा

आस खेलक साँझ सभहक
खून पीतै भोर चोट्टा

एक गुड्डी छटपटेलै
तोड़ि देलक डोर चोट्टा

लोक मानै लोक जानै
लोक छै लतखोर चोट्टा

सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम (बहरे रमल मोरब्बा सालिम वा बहरे रमल सालिम चारि रुक्नी) अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

गजल

दुनियाँ बहुते क्रूर महोदय
सपना चकनाचूर महोदय

आनक नाँगरि देखि हँसू नै
देखू अपनो खूर महोदय

अपराधी ओ भूख अशिक्षा
सभटा अछि मंजूर महोदय

कोना जरलै गाम पता नै
चुप्पे रहलै घूर महोदय

सुविधा गेलै बाँस बरेली
कत्ते मूनब भूर महोदय

सभ पाँतिमे 22-22-21-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

रविवार, 11 अप्रैल 2021

गजल

जीवन बहुत रसदार छै
बस एकटा खौकार छै

निंदा परोसत बेर बेर
दुनियाँ बहुत दिलदार छै

मतलब निकालत मतलबी
मोनो हमर तैयार छै

छै भीखपर सेना मुदा
सुविधा सहित सरदार छै

किछु हाट आ किछु वस्तु छै
किछु लोक बस पैकार छै

सभ पाँतिमे 2212-2212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रजज मोरब्बा (दू) सालिम बहर अछि। दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतम लघु छूटक तौरपर अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।  

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों