बुधवार, 27 अक्तूबर 2021

गजल

अमीरक निशानी डबलपर डबल छै
गरीबक निशानी घटलमे घटल छै

कते बात बाजब सियारक शहरमे
हमर जीह अत्तहि अहीपर रुकल छै

बहुत छूटि गेलै तकर बाद तैयो
गमक एक कनमा रचल ओ बसल छै

हवामे हियाकेँ मिला लेत दुनियाँ
जते ई कठिन छै तते ई सरल छै

हमर पाँति पढ़िते सभा पूछि बैसल
ककर नोर अत्ते गजलमे लिखल छै

सभ पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि आ ई बहरे मुतकारिब मुस्समन सालिम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों