गुरुवार, 30 जुलाई 2020

गजल

अपना सन नै लागल अनचिन्हार
अनका लग ई बाजल अनचिन्हार

रचनामे कनियों नै रहलै धाह 
सुविधा रसमे डूबल अनचिन्हार

बहुते बाजल लेकिन काजक बेर
नाँगरि सुटका भागल अनचिन्हार

बदलत सभ कहियो बाजल ई बात
अलमीरामे राखल अनचिन्हार

पक्का हेतै ई चिन्हारक काज
सोझा सोझी बाजल अनचिन्हार

सभ पाँतिमे 222-222-222-1 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

मंगलवार, 21 जुलाई 2020

मैथिली गजल


फूसि  के  आगू   कते  ई   सच  लचार  अछि
आबि   ठोरक   कोनटा  तँइ  धेने  ठार  अछि

ओस  गाल  पर, जेना  पनिसोखा  उगल अइ
आँखिमे  ओकर  हमर  जीवन  के  सार अछि

अइ जँ  ई जिनगी  नदी  सभहक  तखन  फेर
दुःख-सुख   एकर  बुझू   दूटा   किनार  अछि

सब  कियो  अहि  जगमे   ऋणी  ओकरे  अइ
मृत्युपर  जिनगी  अपन  सभहक  उधार अछि

ई बसात अइ आकि अछि पायल के छम-छम
भ्रम  में  छी  जे  कियो  आयल  त  द्वार अछि

~आशुतोष मिश्रा 'अज़ल'

बह्र-ए-रमल मुसद्दस सालिम

फ़ाइलातुन् फ़ाइलातुन् फ़ाइलातुन्

वज़्न:-२१२२/२१२२/२१२२


गजल

जिनगी छैक अनमोल रे मन
माटि मे नहि तू रोल रे मन

बंद कोठरी गुमसि उठइ छै
द्वार हृदय के खोल रे मन

नेना क अधबोलिया बाजब
कान मे मिसरी घोल रे मन

चोरिक धुन पर गाबि रहल सब
गीतोक अटपट बोल रे मन

भेल चुनाव क गहमा-गहमी
फूजि रहल आब पोल रे मन

घरक झगड़ा आयल चौक पर
पसरल आब भरि टोल रे मन

मलिन मोन आ रूप सजाबै
गुदरी पर जना ख़ोल रे मन

घोघ छै तनने बीत भरि के
बजै छै पटपट लोल रे मन

बरिसय मेघबा झिहिर झिहिर क
पपिहा करय अनघोल रे मन

सोना सन के काया पाबि क
बोल छै कबकब ओल रे मन

✍️✍️✍️जयंती कुमारी













शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

नचारी (शिव‌ भजन/ भक्ति गीत)

हाथ डमरू कान कुण्डल शीर्ष शोभै चान हे
बैसि पर्वत पर धरै एकान्तमे शिव ध्यान हे

रुद्र माला बांहि पहिरल बाघ छाला जांघमे
साँप धारण कण्ठ केने देह मातल भांगमे
पाप नाशक धर्म रक्षक जग करै कल्याण हे
हाथ डमरू कान कुण्डल...................

नैन खुजिते फूल बरसै ठोर बजिते प्रेम यौ
इन्द्र नारद भक्त बनि पूरा करै सब नेम यौ
शुद्ध रहिते भाव सहजे देत सब वरदान हे
हाथ डमरू कान कुण्डल...................

हाथ डमरू कान कुण्डल शीर्ष शोभै चान हे
बैसि पर्वत पर धरै एकान्तमे शिव ध्यान हे

2122-2122-2122-212
(बहरे रमल मुसम्मन महजूफ)

© कुन्दन कुमार कर्ण

सोमवार, 13 जुलाई 2020

गजल

अपना हकमे सुविधा लिखने
हमरा हकमे विपदा लिखने

फैक्ट्री चलतै इंटरनेटी
खेती हेतै कदबा लिखने

हमरो अनुभव रखने रहियौ
काँटे भेटत रस्ता लिखने

अनका भरसे कत्ते रहबै
दुनियाँ बदलत अपना लिखने

बैसल रहने किछु नै भेटत
मकता पूरत मतला लिखने

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शनिवार, 11 जुलाई 2020

गजल

अहाँ बिना सिन्दुर पिठार की हेतै
अहाँ बिना पावनि तिहार की हेतै

अहीं हमर छी देवता अहीं स्वामी
अहाँ बिना जीवन सकार की हेतै

भरोस नै अछि जे कखन अहाँ आयब
अहाँ बिना बिन्दी कपाड़ की हेतै

कते करी असगर पुजाक तैयारी
अहाँ बिना सौंसे हकार की हेतै

बहुत फरल अछि आम आउ ने गामे
अहाँ बिना फारा अचार की हेतै

मात्राक्रम अछि 1212-2212-1222 मुफाइलुन-मुस्तफइलुन-मुफाईलुन

शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

गजल

भुखिया दुखिया भूखे मरतै  सैह कहू ने
कोठीक  धान धयले रहतै  सैह कहू ने

एना मे गरीब गुरबा सब  मारल जेतै
हाकिम सब अप्पन घर भरतै सैह कहू ने

एकटा कोरोना सँ जिनगी  तबाह  भेलै
दोसर धरतै तब की हेतै सैह कहू ने

नानी धन बइमानी धन की रहलै ककरो
कफन छोड़ि किछुओ नहि जड़तै  सैह कहू ने

ढउआ तँ उड़िया रहल छै हावामे 'लाला'
जे छै थितगर वैह पकड़तै सैह कहू ने

2222-2222-2222 मात्रा क्रम बहरे मीर पर आधारित सुझाव सादर आमंत्रित

अरुण लाल दास
01 जून ,2020

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

गजल

कहबौ तोरा अपने घरक बात
लगतौ तोरा अपने घरक बात

अइ खाली खाली घरमे सदिखन
तकतौ तोरा अपने घरक बात

काशी केर ठक सभ आब गेलै
ठकतौ तोरा अपने घरक बात

घुमा फिरा कऽ पहिल बलिदान लेल
चुनतौ तोरा अपने घरक बात

बेरा बेरी संदेहक आँखिसँ
पढ़तौ तोरा अपने घरक बात

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों