सोमवार, 30 मार्च 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-30

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू।  हरेक पाँतिमे 122-122-122-122 मात्राक्रम अछि। फिल्म "शर्त" केर गीत अछि। गीतकार छथि एस.एह बिहारी। संगीतकार छथि हेमंत कुमार । गायक हेमंत कुमार, गीता दत्त (पुरुष-स्त्री भर्सन अलग-अलग छै)। ई फिल्म 1954 मे आएल रहै जाहिमे दीपक, श्यामा, आइ.एस जौहर, शशिकला आदि कलाकार छलथि।

न ये चांद होगा न तारे रहेंगे
मगर हम हमेशा तुम्हारे रहेंगे

बिछड़कर चले जाएँ तुमसे कहीं
तो ये ना समझना मुहब्बत नहीं
जहाँ भी रहे हम तुम्हारे रहेंगे

ज़माना अगर कुछ कहे भी तो क्या
मगर तुम न कहना हमें बेवफ़ा
तुम्हारे लिये हैं तुम्हारे रहेंगे

ये होगा सितम हमने पहले न जाना
बना भी न था जल गया आशियाना
कहाँ अब मोहब्बत के मारे रहेंगे

एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--

शुक्रवार, 27 मार्च 2020

गजल

घूस खा कऽ गरीबपर जिंदा गजल लिखू
होटल बैसि कऽ चिकेन अंडा गजल लिखू

धूप दीप ताम्बूल यथाभाग यथाविधि
छद्म पादरी मुल्ला पंडा गजल लिखू

हमहीं करबै मिथिलाक उद्धार बुझियौ
कने कसि कऽ टोकनपर चंदा गजल लिखू

जँ नै आबै भाषण जकाँ तेजी तँ सुनू
बैसल विकासे जकाँ मंदा गजल लिखू

ई सच जे साहित्य छै समाजक दर्पण
दर्पणमे मूँह देखि घंटा गजल लिखू

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

मंगलवार, 24 मार्च 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-29

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू।  हरेक पाँतिमे 1222-1222 मात्राक्रम अछि। फिल्म "नसीब" केर गीत अछि। गीतकार छथि समीर। संगीतकार छथि नदीम-श्रवण । गायक कुमार शानू। ई फिल्म 1997 मे आएल रहै जाहिमे गोविंदा, ममता कुलकर्णी, सईद जाफरी आदि कलाकार छलथि।

कभी जो भूलना चाहूं
न जाने क्यूं मेरे दिलबर
मुझे तुम याद आते हो
मुझे तुम याद आते हो


कभी सावन के मौसम में
अगर गाए कहीं कोयल
किसी मेहंदी की टहनी पर
न जाने क्यूं मेरे दिलबर
मुझे तुम याद आते हो


किसी के हाथ से छूटे
अगर शीशे का पैमाना
छलक जाए अगर सागर
न जाने क्यूं मेरे दिलबर
मुझे क्यूं याद आते हो

एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--
नोट-मुझे तुम याद आते हो प्रसिद्ध शब्दावली छै नसीब फिलमसँ पहिने एकटा रचना नुसरत फतेह अली द्वारा गएल गेल छै आ नसीब फिल्म बाद सेहो "भीड़ में तन्हाइ में" सन गीतमे एकर प्रयोग भेल छै। 

गुरुवार, 19 मार्च 2020

गजल

बहसल सिनेह रभसल सिनेह
सिनेह बुझिते उपजल सिनेह

कहियो रखने छल भीड़ भाड़
आइ असगरे अभरल सिनेह

पसंद छै सभहँक अपन अपन
छै सिनेहपर लुबधल सिनेह

अप्पन लोक बनि बहुत ठकलक
आब आन बनि पहुँचल सिनेह

हेतै किछु ने किछु कारण तँइ
ठेहुन धरि छै निहुरल सिनेह

सभ पाँतिमे  22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शुक्रवार, 13 मार्च 2020

गजल

बेपार सदा सोहागिन
पैकार सदा सोहागिन

उपकार मरलै छन छनमे
अपकार सदा सोहागिन

कहू कोन सिंदूर लगा
सरकार सदा सोहागिन

ओ अबैत जाइत रहतै
संसार सदा सोहागिन

बिलेतै अनुचित समर्थन
प्रतिकार सदा सोहागिन

सभ पाँतिमे  22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शुक्रवार, 6 मार्च 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-28

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू। 2122-2122-2122-2 हरेक पाँतिमे अछि। फिल्म "पहचान" केर गीत अछि। गीतकार छथि नीरज। संगीतकार छथि शंकर-जयकिशन । गायक मुकेश। ई फिल्म 1969 मे आएल रहै जाहिमे मनोज कुमार, बबीता आदि कलाकार छलथि।



बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ

एक खिलौना बन गया दुनिया के मेले में
कोई खेले भीड़ में कोई अकेले में
मुस्कुरा कर भेंट हर स्वीकार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ   ...

मैं बसाना चाहता हूँ स्वर्ग धरती पर
आदमी जिस में रहे बस आदमी बनकर
उस नगर की हर गली तैय्यार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ   ...

हूँ बहुत नादान करता हूँ ये नादानी
बेच कर खुशियाँ खरीदूँ आँख का पानी
हाथ खाली हैं मगर व्यापार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ   ...

एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--


बुधवार, 4 मार्च 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-27

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू।122-122-122-122 हरेक पाँतिमे अछि। फिल्म "अगर तुम न होते" केर गीत अछि। गीतकार छथि गुलशन बावरा। संगीतकार छथि राहुल देव बर्मन । गायक किशोर कुमार आ लता मंगेशकर। ई फिल्म 1983 मे आएल रहै जाहिमे राज बब्बर, राजेश खन्ना, रेखा आदि कलाकार छलथि।


हमें और जीने की चाहत न होती
अगर तुम न होते,  अगर तुम न होते

(हमें जो तुम्हारा सहारा न मिलता
भंवर में ही रहते किनारा न मिलता - २)
किनारे पे भी तो लहर आ डुबोती
अगर तुम न होते,  अगर तुम न होते

तुम्हें क्या बताऊं के तुम मेरे क्या हो
मेरी ज़िंदगी का तुम्ही आसरा हो
मैं आशा कि लड़ियां, न रह रह पिरोती
अगर तुम न होते,  अगर तुम न होते

हर इक ग़म तुम्हारा सहेंगे खुशी से
करेंगे न शिकवा कभी भी किसी से
जहाँ मुझ पे हंसता, खुशी मुझपे रोती
अगर तुम न होते,  अगर तुम न होते

एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि।  जनैत हेबै तैयो कही जे "हर इक" केर तक्ती "हरिक" भेल छै।
ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--





मंगलवार, 3 मार्च 2020

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-26

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------
एक बेर फेर बहरक कमाल देखू फिल्मी गीतमे देखू। 1222-1222-1222-1222 हरेक पाँतिमे अछि। फिल्म "धरती" केर गीत अछि। गीतकार छथि राजिन्दर कृष्ण। संगीतकार छथि शंकर-जयकिशन । गायक मुहम्मद रफी। ई फिल्म 1970 मे आए रहै जाहिमे बलराज साहनी, कामिनी कौशल, राजेन्द्र कुमार, वहीदा रहमान  आदि कलाकार छलथि।

खुदा भी आसमाँ से जब ज़मीं पर देखता होगा
मेरे महबूब को किसने बनाया सोचता होगा

मुसव्विर खुद परेशां है के ये तस्वीर किसकी है
बनोगी जिसकी तुम ऐसी हसीं तक़दीर किसकी है
कभी वो जल रहा होगा, कभी खुश हो रहा होगा

ज़माने भर की मस्ती को निगाहों में समेटा है
कली से जिस्म को कितने बहारों ने लपेटा है
नहीं तुम सा कोई पहले न कोई दूसरा होगा

फ़रिश्ते भी यहाँ रातों को आकर घूमते होंगे
जहाँ रखती हो तुम पाँव, जगह वो चूमते होंगे
किसीके दिल पे क्या गुज़री, ये वो ही जानता होगा

एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि।  ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--


तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों