गुरुवार, 19 जून 2014

गजल

चिक्कन चुनमुन पात छलै
सुंदर सन अहिबात छलै

कनिते बीतल सभहँक साँझ
केहन खुनिया प्रात छलै

मिड डे मीलक झगड़ा सन
फेकल फाकल भात छलै

सुग्गा मैना पंच बनल
बगड़ा बगड़ी कात छलै

दिल्ली पटना आ पंजाब
छूटल बोनि बुतात छलै

दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।
दोसर आ पाचँम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु अतिरिक्त छूट अछि।

सुझाव सादर आमंत्रित अछि।




मंगलवार, 10 जून 2014

गजल


एहि ठाम साट हेराए गेलै रामा
फेर आइ बलम बौराए गेलै रामा

चढ़ल साइठक जबानी केहन बुढ़बापर
चुलहाक नार चोराए गेलै  रामा

गाममे बसल घरे घर छै कंठी धारी
साँझ परल माँछ झोराए गेलै रामा

देख ढंग पुतक करनी आजुक आँगनमे
बाप केर आँखि नोराए गेलै रामा

‘मनु’ समाजमे सगर मोदी जीकेँ अबिते
माल संग चोर पकराए गेलै रामा 

(मात्रा क्रम : २१२१२१-२२२२-२२२)
जगदानन्द झा ‘मनु’

रविवार, 8 जून 2014

गजल

भक्ति गजल




से एलै केहन दिनमा ए राम
की फुटलै माटिक बसना ए राम

नै रहलै कोनो काजक धन बीत
किनलहुँ जे दिल्ली पटना ए राम

धधरामे सोना सन पोसल देह
जरि जरि भेलै से मटिया ए राम

छुटलै बेटा बेटी दुनियाँ संग
भेलै जखने पचकठिया ए राम

ईहो निरगुण जे गाबै तकरा तँ
भेटै ओ अनचिन्हरबा ए राम

सभ पाँतिमे 222-222-2221 मात्राक्रम अछि

सुझाव सादर आमंत्रित अछि

मंगलवार, 3 जून 2014

गजल



हाथमे वेद रहै
जीहमे छेद रहै

घेंटमे घेंट फँसल
मोनमे भेद रहै

ठोर बस हँसि रहल
मोन निर्वेद रहै

खून सभ चूसि रहत
से तँ उम्मेद रहै

साँप सभ एक समान
मात्र विष भेद रहै

सभ पाँतिमे 212+2112 मात्राक्रम अछि।
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे अंतमे अतिरिक्त लघु लेबाक छूट लेल गेल अछि


सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों