शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

रुबाइ

खोडब यदि हमर करेज अहां
राखि सकब नै परहेज अहां
बिख अमृत के अवलोकन मे
नोरे लेबैक सहेज अहां
२२२ २११२ ११२

बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

गजल

चन्ना चमकै चान सन
मूहो तोहर पान सन  

सूपक पहिया गोल छै  
लागै हाथी कान सन  

अधबोली सन बात जे
खनकै सोनक खान सन

उप्पर नीचा दौड़ धूप  
ठेस लगेलक छान सन

फूटल फुक्का जोर से
पुक्की पाडल तान सन

२२२२ २१२

गजल

बाल गजल

सोना हमर बुधियार सन
मंदिर महँक जैकार सन

भोजन भगत बदमाश छै
काजक समय बेकार सन

भुसबा तिलबा लाइ धरि
सदिखन तँ चूबै लार सन

बिनु पाइकेँ ने बात छै
आगू बनत पैकार सन

इस्कूल नै जेतै मुदा
नम्बर तँ चाही भार सन

सभ पाँतिमे 2212+2212 मात्राक्रक अछि।

मतलाक पहिल पाँति हेलो मिथिलामे सुनल गीतसँ प्रेरित अछि।

गजल

जटाधारी मनोहारी  वरोदाता  लगैए ई  
कलाधारी नितोघोरा महादेवा  लगैए ई  

रमाजोगी विषोधाता नटोराजा सदोध्याना    
बरदरुढा गणोराजा भसमभूता लगैए ई  

कलाधारी हिमोवासा हतोबाधा गुरुराजा  
नितोयोगी सदाचारी हतोकामा लगैए ई  

महातृष्णा हरणकर्ता दुख निवारक पिता भ्राता
मनोलोका अधोलोका नभोलोका लगैए ई

१२२२ १२२२ १२२२ १२२२


मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

गजल

माय तरेगन तोडि दे    
भानस बासन छोडि दे 
  
खिस्सा राजा भोज के
कहिके घूरो कोडि दे

खेबौ दाना फोँक नै
मूँगफली तूँ फोडि दे

छूछे चूडा पात पर
दहियो कनिये पोडि दे

टूटल घोडा टाँग गै
माटि लगा के जोडि दे

२२२२ २१२

गजल

जाति- धर्मक​  जुन्नामें अँटियाइते रहलहुँ        
छूत​-अछुतक अदहनमें उधियाइते रहलहुँ

पेट कोना जड़लै पतियौलक कियो कहिया
झूठ​-साँचक भाषण धरि पतियाइते रहलहुँ

राज​-पाटक बखड़ामें बटलै अपन मानव​
​ऊँच​-नीचक​  झगड़ामें लतियाइते रहलहुँ

प्यास लगले रहलै गंगा धारमें तैयो
पाप-पुण्यक गंगामें  भसियाइते रहलहुँ     

राम मनुखक बूझत कहिया मोल ई दुनिया
कोण​​-साँन्हिक फ़ेकल धरि बसियाइते रहलहुँ

सभ पाँतिमे मात्राक्रम - 2122+222+2212+22 
तिथि: २४.०२.२०१४
©राम कुमार मिश्र

गजल

गजल

नव किछु कहू घटल की कहए छी
ताहूमँहक असल की कहए छी 

मिठगर करू कनी बोल अपन किछु
सदिखन वचन तनल की कहए छी 

आँहाँ विचारमे सभ त' कठिनगर
फरिछा कहू सरल की कहए छी 

आंगुरसँ गाइन पुराओल बहरमे
ई शेर आ गजल की कहए छी 

खहियारि गप्प राजीव कहब जे
बाजू खखसि दबल की कहए छी 

२२१२ १२२ ११२२
@ राजीव रंजन मिश्र 

गजल

सोइत बाभन कैथ कहार 
मिथिला पर केलक प्रहार 


बिसरू पांती समयक मांग 
माँ मिथिला के छी आधार 


मैथिल जन सन ज्ञाता कतय
जाति बनेलक निपट लचार 


पाँचो आन्गुर लिय मिलाय 
मिथिला के तखने उद्धार 


फूजल मन से कोशिश एक 
खोलत मिथिलाक विजय द्वार


२२२२ २२२१

सोमवार, 24 फ़रवरी 2014

गजल

कौआ कारी बौआ गोर
बेटी उठलै भोरे भोर

मारा मारी चिकरा चिकरी
कानै बाजै खसबै नोर

धम धम छम छम गम गमसँ
चमकै बिजुरी पोरे पोर

भानस बनलै थारी सजलै
सुगनी पीबै झोरे झोर

भैया मारै जक्खन खूब
हन हन पट पट बजबै ठोर

सभ पाँतिमे 222-222-21 मात्राक्रम अछि।


दोसर आ चारिम शेरक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि।

बुधवार, 19 फ़रवरी 2014

गजल

पराती मलार सोहर
नचारी तँ बात तोहर

दहेजक छलै तमाशा
मसोमात भेल कोबर

जँ रटबै मुकुंद माधव
तँ बीतत समय मनोहर

मजाको मजाक नै छै
रहै ठेस संग ठोकर

प्रचारक तँ खेल नमहर
बनल बादशाह जोकर


सभ पाँतिमे 122+12+122 मात्राक्रम अछि।

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014

गजल

चाहक भाप मे देखल अहां के  
चानक छाप मे देखल अहां के  
  
बाटे घाट बौवाएत सदिखन        
जर के ताप मे देखल अहां के  

गीता बायबिल क़ुरआन बांचल
ढोलक थाप मे देखल अहां के

चूडी रंग रंगक हाथ खनकै
हाथक नाप मे देखल अहां के

२२२१ २२२१ २२

सोमवार, 17 फ़रवरी 2014

गजल

पूड़ी बनलै गोल गै
बाजू मिठगर बोल गै

पूड़ी गेलै पेट मे    
नाचब सौंसे टोल गै

होली एलै दोग से
बजतै तासा ढोल गै

ममता तोहर चान सन
कोना लगतै मोल गै


२२२२ २१२

रविवार, 16 फ़रवरी 2014

अपने एना अपने मूँह-23


मास जनवरी २०१४मे कुल ३८टा पोस्ट भेल जकर विवरण एना अछि---

राम कुमार मिश्रजीक २टा पोस्टमे २टा गजल, राजीव रंजन मिश्रजीक ११टा पोस्टमे ११टा गजल, अमित मिश्रजीक ६टा पोस्टमे ६टा गजल, ओमप्रकाशजीक १टा पोस्टमे १टा गजल, कुंदन कुमार कर्णजीक ३टा पोस्टमे २टा गजल आ १टा भक्ति गजल, जगदानंद झा मनु जीक १टा पोस्टमे १टा गजल, मिहिर झाजीक १टा पोस्टमे १टा रुबाइ, आ आशीष अनचिन्हारक १३टा पोस्टमे १टा आलोचना, ३टा सम्मान संबंधी, २टा गजलकार परिचय,१टा अपने एना अपने मूँह एवं ६टा गजल आएल।

शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

गजल

बाल गजल

मामा हमर खटाइ छै
मामी मुदा मिठाइ छै

नानी रखै नुका नुका
मौसी हमर बिलाइ छै

माए हमर तँ पानि सन
बाबू हमर सलाइ छै

भैया रहै डरल डरल
भौजी हमर अताइ छै

गुड्डी जकाँ उड़ल फिरी
दीदी हमर लटाइ छै

सभ पाँतिमे 2212+12+12 मात्राक्रम अछि।
@

जे नै करत पढ़ाइ रौ
छौंकी तकर दवाइ छै

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

गजल

दूर जते जाएब अहाँ
लग ओते आएब अहाँ

जँ खसब कहियो कत्तौ
हमरा तँ उठाएब अहाँ

बिसरब तँ बिसरि जाउ मुदा
नोरेसँ नहाएब अहाँ

सोना सन सूरति अप्पन
कहिया देखाएब अहाँ

मेटा जेतै सभटा दुख
घोघ जँ हटाएब अहाँ


सभ पाँतिमे ७ टा दीर्घक प्रयोग।
ऐ गजलमे दू टा अलग-अलग शब्दक लघुकेँ एकटा दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि।

रविवार, 9 फ़रवरी 2014

गजल


सपनाइत रहलहुँ हम राति भरि
धुधुआइत रहलहुँ हम राति भरि

मेला सुख सेहंता केर छै
मोलाइत रहलहुँ हम राति भरि

ओ राकस छै की महँगाइ छै
भुतिआइत रहलहुँ हम राति भरि

नूआ ब्लाउज धोती पैन्ट छी
फेराइत रहलहुँ हम राति भरि

हमरा संगे अनचिन्हार छै
चकुआइत रहलहुँ हम राति भरि

सभ पाँतिमे 22-222-2212 मात्राक्रम अछि।

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2014

गजल

राम जपैत छी रहम करू
कृष्ण सुमरि अहाँ करम करू

कष्ट अनकर बूझिकऽ सदिखन
धन्य कनी अपन जनम करू

कानि रहल बहिन-माय अपन
अंतरमे कनी शरम करू

पजरत आगि ठंढा हियमे
अपन विचारकेँ गरम करू

"ओम"क बात राजा सुनि लिअ
राजक आब किछु धरम करू

दीर्घ, ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ-ह्रस्व-दीर्घ(मुतफाइलुन), दीर्घ, ह्रस्व-ह्रस्व-दीर्घ
२-११२१२-२-११२ (प्रत्येक पाँतिमे एक बेर)

बुधवार, 5 फ़रवरी 2014

रुबाई


मायाजाल पसारल जगमे  
भैयारीक लडायल  जगमे 
बिन खंजरक बहल छै शोणित  
बैसल राज चलायल जगमे 

२२२१ १२२ २२

मंगलवार, 4 फ़रवरी 2014

गजल

भाव करेजा क छलकि उठल अछि     
गीत बनल त किछु  गजल बनल अछि    

रागिनि राग मिलल छै नोरमे
नेह बिरह संगहिमे सजल अछि 

बाहर बैसल सगर समाज  छै       
प्रेम पियास अधर तर दबल अछि  

रंग छुटल हाथक अनचोक मे               
काढल रूमाल कतौ खसल अछि

२११२ २११२ २१२

शनिवार, 1 फ़रवरी 2014

गजल

काल्हि धरि छलहुँ हम अपन ओसारापर
आइ भने सूतल छी हम सारामे
गे हरजाइ तोरा लाज नै अबै छौ
हम मरि गेलहुँ तोहर आसामे


गजल

एहने सजा देबै ओकरा
आब हम बिसरि जेबै ओकरा

गीत सन छलै मुस्की साँझमे
भोरमे तँ हम गेबै ओकरा

किछु इयाद किछु दुख किछु नोर बस
एतबे सौंपि चलि जेबै ओकरा

ठोरपर सरापे छै जानि लिअ
असिरबाद नै देबै ओकरा

हँसि क' लेलकै सभटा दुख हमर
हम तँ आब सुख देबै ओकरा


सभ पाँतिमे 212+122+212 मात्राक्रम अछि।

सुझाव सादर आमंत्रित अछि। ऐ गजलमे गेयता नैकेँ बराबर अछि।
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों