शनिवार, 31 दिसंबर 2016

गजल

इसाइ नव बर्ख शुभकामना सहित ई गजल


सुन्दर फूल सुन्दर पात
सुन्दर ठोर सुन्दर बात

सुन्दर लोक सुन्दर नेह
सुन्दर आस सुन्दर घात

सुन्दर पेट सुन्दर हाथ
सुन्दर भूख सुन्दर भात

सुन्दर भीड़ सुन्दर सून
सुन्दर बीच सुन्दर कात

सुन्दर कर्म सुन्दर मर्म
सुन्दर मोन सुन्दर गात

सभ पाँतिमे 2221+2221 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016

गजल

नेह लगाबैए कियो कियो
भाग बनाबैए कियो कियो

आँखि बला भेटल बहुत मुदा
नोर लुटाबैए कियो कियो

आब तँ छै बेपार चोट केर
दर्द नुकाबैए कियो कियो

बात सुनाबैए सगर नगर
बात बुझाबैए कियो कियो

देह छुआबै आदमी बहुत
मोन छुआबैए कियो कियो

सभ पाँतिमे 21-1222-12-12 मात्राक्रम अछि
तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

सोमवार, 26 दिसंबर 2016

गजल

सरकार केकरो नै
दरबार केकरो नै

बकलेल जान दैए
बुधियार केकरो नै

जे बेचि देत एहन
अधिकार केकरो नै

जयकार छै छिनार
जयकार केकरो नै

हटले रहू बहुत दूर
चिन्हार केकरो नै


सभ पाँतिमे 2212+122 मात्राक्रम अछि
तेसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ संस्कृत परंपरानुसार दीर्घ मानल गेल अछि
चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघुकेँ छूटक तौरपर लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2016

गजल

मंच माला आ गर्जना भेटत
घोषणा छुच्छे घोषणा भेटत

मेहनति हेड़ा ने सकत कत्तौ
साध्य बनि गेने साधना भेटत

प्रेम छै देहक नेह छै मोनक
वासना केने वासना भेटत

रीत छै सभहँक एहने एहन
मान केने अवमानना भेटत

जज बनल अनचिन्हार लग खाली
एहने सन संभावना भेटत

सभ पाँतिमे 212+22+212+22 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

मंगलवार, 20 दिसंबर 2016

गजल

सौंसे दाबल अछि आँजुर भरि संघर्ष
किछुए बाँचल अछि आँजुर भरि संघर्ष

ओ अनलथि हीरा मोती हुनका लेल
हमहूँ आनल अछि आँजुर भरि संघर्ष

नोटक संगे भोटक संगे घुमि घुमि कऽ
बहुते नाचल अछि आँजुर भरि संघर्ष

सुंदर हाथें बिच्चे आँगनमे खूब
अरिपन पाड़ल अछि आँजुर भरि संघर्ष

चिन्हारो एतै अनचिन्हारक बाद
ता धरि राखल अछि आँजुर भरि संघर्ष

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-221 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

शनिवार, 10 दिसंबर 2016

गजल


प्रश्नो चुप छै
उतरो चुप छै

आँखिक दुखपर
सपनो चुप छै

उघड़ल बरतन
झँपनो चुप छै

मेल मिलापो
झगड़ो चुप छै

अनका संगे
अपनो चुप छै

सभ पाँतिमे 2222 मात्राक्रम अछि
दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

सोमवार, 5 दिसंबर 2016

गजल

एकै रातिमे फकीर भऽ गेलै
दुइए पाँतिमे कबीर भऽ गेलै

भरि देने रहै जै खाधि समस्याक
कनियें कालमे गँहीर भऽ गेलै

जे सुंदर इजोरिया लऽ कऽ नाचल
ग्रहणक नामपर अधीर भऽ गेलै

पहिने नाम बड़ सुनलकै विकासक
ओकर बाद सभ बहीर भऽ गेलै

मेटा देलकै निशान गरीबक
एनाही तँ सभ अमीर भऽ गेलै

सभ पाँतिमे 2221-212-1122 मात्राक्रम अछि
दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि
किछु दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

शनिवार, 26 नवंबर 2016

गजल

कना कऽ पूछै हाल जगत
बहुत पसारै जाल जगत

अहींसँ भेलै दीन दुखी
अहींसँ मालामाल जगत

सुतल सुतल छै ड्राइवरे
खसल पड़ल तिरपाल जगत

के के बढ़ल अछि आगू तकर
बहुत करै पड़ताल जगत

हुनक जगत छनि सोन सुगंधि
हमर तँ कादो थाल जगत


सभ पाँतिमे 12-122-21-12 मात्राक्रम अछि
तेसर शेरक पहिल पाँतिमे दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

गुरुवार, 24 नवंबर 2016

गजल

आहि उठबे करतै इयाद एलापर
नोर खसबे करतै इयाद एलापर

पानि खाली देहक मिझा सकैए बस
मोन जरबे करतै इयाद एलापर

हाल केहन से अनुभवेसँ बुझि सकबै
फूल झड़बे करतै इयाद एलापर

मलहमो बेकारे बुझाइए हमरा
घाव रहबे करतै इयाद एलापर

पड़ि रहब ओछाएनपर नै छै सूतब
आँखि जगबे करतै इयाद एलापर


सभ पाँतिमे 2122+2212+1222 मात्राक्रक अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

मंगलवार, 22 नवंबर 2016

गजल

आर जिलेबी पार जिलेबी
बड़ सुंदर संसार जिलेबी

किछु ने कहबै चुप्पे रहबै
अपने छै बुधियार जिलेबी

चाक कहू चक्र कहू या किछु
सभ सुनतै कुम्हार जिलेबी

ओ सभ कहथिन भोजन साजन
हम कहबै हथियार जिलेबी

रसगुल्ला सभहँक संगतमे
बनि गेलै खुंखार जिलेबी

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

रविवार, 20 नवंबर 2016

गजल

हुनके चूड़ा
हुनके पिज्जा

कोन अजादी
पुछितो लज्जा

गठरी बान्हल
किनकर हिस्सा

खूब हँसोथब
सभहँक इच्छा

अनचिन्हारक
किछु ने पक्का


सभ पाँतिमे 22-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि 

शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

गजल

केखनो उठा देलकै
केखनो खसा देलकै

देवता बना केकरो
नोरमे भसा देलकै

डारि पात छै ओकरे
बात से बुझा देलकै

पानि छै बहुत दूर तँइ
आगि ओ लगा देलकै

सोचने रहै अपने सन
आन सन बना देलकै

सभ पाँतिमे 212+12+212 मात्राक्रम अछि
अंतिम शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

रविवार, 13 नवंबर 2016

गजल

आँखिमे बहार छै
हाथमे उधार छै

भिन्न भिन्न गाँहके
एकटा बजार छै

बेरपर अलग अलग
ओहने भजार छै

एकबाल केहनो
जल्दिये उतार छै

डोल केर दोस्त ओ
तेहने इनार छै

सभ पाँतिमे 212+12+12 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

मंगलवार, 8 नवंबर 2016

गजल

बेबाक लिखू बिंदास लिखू
बात सधारण या खास लिखू

अन धन लछमी मिठगर भेने
दुरदिन रहितो मधुमास लिखू

शब्द बहुत लिखलहुँ आब अहाँ
अइ खिच्चा ठोरक आस लिखू

हम बूझै छी नीक अहाँकेँ
अपने दाबल इतिहास लिखू

असगर रहनाइ कठिन नै छै
तँइ भीड़ भरल बनबास लिखू

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
"बिंदास" कूल ड्यूड सभहँक शब्द छनि

सोमवार, 7 नवंबर 2016

गजल

छठि भक्ति गजल

अहाँ आएब यै राना दाइ फेरो
हँ, नै जाएब यै राना दाइ फेरो

बहुत सुख संग अन धन लछमी जरूरे
अहाँ लाएब यै राना दाइ फेरो

हँसी हमरो खुशी हमरो भेटि जेतै
जँ मुस्काएब यै राना दाइ फेरो

दया सदिखन बनेने रहबै तकर आस
तँ देखाएब यै राना दाइ फेरो

गजल लीखत बहुत अनचिन्हार ऐठाँ
अहाँ गाएब यै राना दाइ फेरो

सभ पाँतिमे 1222-1222-2122 मात्राक्रम अछि
चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

रविवार, 6 नवंबर 2016

गजल

छठिक शुभकामना सहित ई भक्ति गजल


नहुँए नहुँ आबथि पबनैतिन
सुरजे सन लागथि पबनैतिन

आस्ते आस्ते जोरे जोरसँ
गीत मधुर गाबथि पबनैतिन

कोशी हाथी छिट्टा पथिया
सभहँक रस जानथि पबनैतिन

पुरबा बहने काँपथि तैयो
पाबनि ई ठानथि पबनैतिन

खरना चाहथि दीनो गानथि
परना नै चाहथि पबनैतिन

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि

शुक्रवार, 4 नवंबर 2016

गजल

ताड़ी लेने एलै पासी हमरे लेल
लबनी देने गेलै पासी हमरे लेल

नहिएँ चाही फुनगी भुनगी अपना लेल
हमरे सदिखन ठेलै पासी हमरे लेल

हमरा हिस्सामे छै खाली फेने फेन
केहन निष्ठुर भेलै पासी हमरे लेल

हाथक कादोकेँ हीरा बुझलहुँ तँइ आब
उगना सन हेरेलै पासी हमरे लेल

हमरा एम्पायर घोषित केलक तइ बाद
हमरे पिचपर खेलै पासी हमरे लेल

सभ पाँतिमे 222-222-222--221 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

मंगलवार, 1 नवंबर 2016

गजल

सेज सजिते इजोरिया एलै
घोघ उठिते इजोरिया एलै

मूँह हुनकर अतेक सुंदर जे
बात बजिते इजोरिया एलै

आँखि झुकलै इजोरिया भागल
आँखि उठिते इजोरिया एलै

शब्द उपजल अलग अलग ढ़ंगसँ
अर्थ बुझिते इजोरिया एलै

मोन देहक इजोत बहुरंगी
ध्यान लगिते इजोरिया एलै

सभ पाँतिमे 2122-12-1222  मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
इजोरिया शब्दक बहुरंगी अर्थ छटा लेल हम जनआनंद मिश्र जीक आभारी छी

सोमवार, 31 अक्तूबर 2016

गजल

खेत मसान सन
पेट लगान सन

भूख जँ धर्म छै
दर्द विधान सन

भाव घिसल पिटल
शब्द महान सन

देह कलश बनल
मोन भसान सन

आँखि उठल खसल
अर्थ असान सन


सभ पाँतिमे 211-212  मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

शनिवार, 29 अक्तूबर 2016

गजल

धूँआ धाकड़ लीन दिवाली
के मानत ई ग्रीन दिवाली

जादव कुर्मी बाभन सोइत
सभहँक भिन्ने भीन दिवाली

सभठाँ नेता एकै रंगक
भारत हो की चीन दिवाली

छन छन टूटै नहिएँ जूटै
सीसा पाथर टीन दिवाली

देशक बाहर देशक भीतर
सौंसे घिनमा घीन दिवाली

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि


हमर एही गजलक मराठी अनुवाद भेल अछि देखल जाए।अनुवाद केने छथि चंद्रकांत यादव...


धु-ध्वनीतच लिन दिवाळी
कुणी ऐकली ग्रिन दिवाळी?

मराठा, मोची, मातंग, माळी
अशी ही ऐक्यविहिन दिवाळी

जगी नेत्यांची एक कातडी
भारत असो वा चिन दिवाळी

पेटते आणि आग पसरते
पेट्रोल, केरोसिन दिवाळी

हा असो वा तो देश असो
सर्व सणांत ही दीन दिवाळी

गजल
धूँआ धाकड़ लीन दिवाली
के मानत ई ग्रीन दिवाली
जादव कुर्मी बाभन सोइत
सभहँक भिन्ने भीन दिवाली
सभठाँ नेता एकै रंगक
भारत हो की चीन दिवाली
छन छन टूटै नहिएँ जूटै
सीसा पाथर टीन दिवाली
देशक बाहर देशक भीतर
सौंसे घिनमा घीन दिवाली
सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
9 comments
Comments
Jan Anand Mishra बड़ नीक गजल जे "जोगि.."क मजा दैत अछि
सभठाँ नेता एकै रंगक
भारत हो की चीन (दिवाली)....जोगि.. स र र र
प्रदीप पुष्प कल्पनातीत आ सब तरहें नव फिनिसिंग।
Dinesh Yadav इ सिर्जना मात्र निके नय, चहटगर आ बड़ सनगर सेऽहो अछि । अन्चिनहार जी के बधाइ आ दियाबाति,हुक्कालोलि आ सुकराति के शुभकामना सेऽहो अए।
Hemant Das Him अत्यंत प्रभावशाली अछि सौंसे ग़ज़ल. तहू मे दू टा शेर बेसी स्पष्ट लागल– 
जादव कुर्मी बाभन सोइत
सभहँक भिन्ने भीन दिवाली

सभठाँ नेता एकै रंगक
भारत हो की चीन दिवाली
Chandrakant Yadav मैथिली टू मराठी…

धुर-ध्वनीतच लिन दिवाळी

कुणी ऐकली ग्रिन दिवाळी?
मराठा, मोची, मातंग, माळी
अशी ही ऐक्यविहिन दिवाळी
जगी नेत्यांची एक कातडी 
भारत असो वा चिन दिवाळी
पेटते आणि आग पसरते
पेट्रोल, केरोसिन दिवाळी
हा असो वा तो देश असो
सर्व सणांत ही दीन दिवाळी
Ashish Anchinhar मेरे लिये यह खुशी की बात है कि आपने इसे मराठी रूप दिया। इस काम के लिये धन्यवाद शब्द बेमानी है..

राग भोपाली जी सादर आमंत्रित है
अजित वडनेरकर उत्तम ग़ज़ल और अनुवाद अत्युत्तम 😃
Raj Kumar Mishra Sunder aa sateek rachna!
Saurabh Pandey बहुत खूब भाई जी
Rajiv Ranjan Pandey अखंड दीप मालाओ का उमंगमय महोत्सव आपके जीवन मे सौभाग्य एवं समृधि को प्रकाशित करे |आत्मबलिदान का प्रतिक जलता हुआ दिपोपर्व कि हार्दिक शुभकामनाएँ
Chandrakant Yadav आशिषभाई आप की भाषा में रिदम हैं… ताल हैं… छन छन टूटै नहीऍं जुटे… देशक भितर देशक बाहर… हमारे यहा मराठी में ऐसा रिदम केवल संत ज्ञानेश्वर की रचनाओंमें पाया जाता है… अवचिता परिमळू झुळुकला आळुमाळु मी म्हणे गोपाळु आला गे माये… इस तरह! सहजता के साथ आनेवाला रिदम और रिदम के साथ आनेवाली सहजता सहज नहीं होती…आप बस आप हैं!
Ashish Anchinhar चंद्रकांतजी, मैं इस योग्य नहीं। बस लिख लेता हूँ और आप लोगों के सामने रख देता हूँ।
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों