रविवार, 28 फ़रवरी 2021

गजल

अगबे उठबै उधबा ठाकुर
अगते चाहै पछता ठाकुर

देहक तागति पुरना चुसलक
मोनक चूसै नवका ठाकुर

की सभ हेतै की नै हेतै
चुप्पे केलक चरचा ठाकुर
बसिया ठाकुर नाली फेकल
आँगन बैसल टटका ठाकुर

अनकर उन्नति बरदास्ते नै
चिन्ते बैसल बड़का ठाकुर

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2021

गजल

गंगामे नहा नहा कऽ बाजत
पापी सभ ठठा ठठा कऽ बाजत

सीधा लोक केर नग्रमे जे
बाजत से घुमा फिरा कऽ बाजत

जकरा सत्य कहि गुजरि चलै छै
से गर्दनि कटा कटा कऽ बाजत

जक्कर मूँह मौधमे बसल छै
सदिखन से छुआ छुआ कऽ बाजत

कतबो जोड़ि लिअ विवेक संपति
बजनाहर घटा घटा कऽ बाजत

सभ पाँतिमे 2221-212-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शनिवार, 13 फ़रवरी 2021

भक्ति गजल


मैया हमर जगतारनि कल्याणी 
सबहक अहाँ सुधि लेलौं महरानी 

नै हम मिलब माँ बाटक गरदामे
चिंता किए जेकर माय भवानी  

जग ठोकरेलक सदिखन ढेपासन 
देलौं शरण निर्बलके हे दानी

दर्शन अपन दिअ हे अम्बे माता 
नै सोन झूठक चाही नै चानी

धेलक चरण 'मनु' तोहर हे मैया 
नै आब जगमे ककरो हम जानी 
(मात्रा क्रम : २२१२-२२२-२२२)
जगदानन्द झा 'मनु'
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों