शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023

गजल

भरोसपर जते टुटल इजोरिया
अलग तते अलग रहल इजोरिया

मलाइ चाटि बेस फाटि गेल जे
बना रहल तकर महल इजोरिया

अधीर भेल नीक नीक लोक सभ
जखन जखन हुनक रुसल इजोरिया

बजारमे गुलाम भेल रौद सभ
मुदा कहीं टिकल रहल इजोरिया

जकर भरोसपर उड़ल अकासमे
तही विकास तर दबल इजोरिया

सभ पाँतिमे 12-12-12-12-12-12 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

भक्ति गजल

आई महाशिवरात्रि केर शुभ अवसर पर श्री शिवकेँ कृपासँ प्रस्तुत अछि एकटा शिव गजल, भक्ति गजल 

गजल 

चलू देखब हे बहीना शिवकेँ 

अपन गौरीकेँ सजनमा शिवकेँ 

 

सभक ई खाली भरै छथि झोली 

सरण आइब जे सुमरला शिवकेँ 

 

गरीबोकेँ छथि इहे सुननाहर 

दियौ जल भरि एक लोटा शिवकेँ 

 

मनुख दानव देव भूत प्रेतो 

सगर दुनिया मिल मनेला शिवकेँ 

 

सिया रामोकृष्ण हुनके पुजलनि 

बनेलनि सगरो अराध्या शिवकेँ 

 

कृपानिधि कैलाशवासी जय भव

चरण वंदन जग रचैता शिवकेँ 

 

मनोरथ सब पूर्ण करता शम्भू 

कहल ‘मनु’ जे मनसँ भजता शिवकेँ 

(मात्राक्रम- 1222-2/ 1222-2)

सुझाव, मार्गदर्शन व आलोचना सादर आमंत्रित अछि। की एही मात्राक्रमकेँ बहरे गोविंद मानल ज सकै छै ?

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

गजल

मात्र अर्पित करू भावना भक्तिमे
आर कोनो नै हो भूमिका भक्तिमे

डूबि गेलै सकल ओहदा भक्तिमे
भूतपति लोककर साधना भक्तिमे

पार्वती या उमा अम्बिका या सती
छै बनल किछु कथा उपकथा भक्तिमे

देहमे मोनमे प्राणमे छै बसल
सर्वगोचर सुधी चेतना भक्तिमे

दूर दूरे रहल ई निगेटिभ जगत
भेल हमरा बहुत फायदा भक्तिमे

शम्भु शंकर सदाशिव उमापति अभव
सर्वदा टारलनि आपदा भक्तिमे


सभ पाँतिमे 212-212-212-212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मुतदारिक मुसम्मन सालिम अछि। गजलमे मान्य छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

गजल

जखन कखनो जे सोचब हमरा

अपन लअगेमे पायब हमरा

 

गजल हमर शव्द बनि तनमनमे 
कचोटत तँ अहाँ ताकब हमरा 

 

बहुत दुर छी कोनो बाते नै

अपन मोनेमे देखब हमरा


दुनू दू तन  एक्के जिनगी छी

अहाँ कखनो नै बिसरब हमरा


अहाँकेँ हम छी कहलौं जे ‘मनु’

कि मुइला बादो मानब हमरा 

(बहरे गोविंद, मात्राक्रम : 12 22 22 22 2, सभ पाँतिमे। दोसर शेरकेँ दोसर पाँतिमे दूटा अलग-अलग लघुकेँ दिर्ध मानक छुट लेल गेल अछि)

 ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

गजल

देश अमरित राज्य अमरित नेत धरि अमृताह छै
ताहि बादो लोक सभ एना किए मरखाह छै

नोर हुनकर नोर हमरो फर्क भेटत किछु मुदा
नोर हुनकर देर धरि चुप आ हमर अगुताह छै

बाँस छीलल हो कि बेछिल्ले मुदा हेतै असरि
के कहाँ आ के कते से आब नै परवाह छै

आस टुटतै संग छुटतै बात ई बूझल रहै
संग तइयो देल कारण जिद्द बड़ जिदियाह छै

खकसियाहा केर चक्करमे हमर सपना रहल
फेर कहलह आँखि के सपने बहुत झड़काह छै

सभ पाँतिमे 2122-2122-2122-212 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रमल मोसम्मन महजूफ़ अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

गजल

जखन दरबार बनि गेलै
तखन किछु चार बनि गेलै

जहर पीने रही एना
गलाकेँ हार बनि गेलै

भरोसापर रहल लटकल
भरोसा भार बनि गेलै

रहै इच्छा बनब करुणा
मुदा खुंखार बनि गेलै

टुटल बहिनोइकेँ नै मान
धनी लग सार बनि गेलै


सभ पाँतिमे 1222-1222 मात्राक्रम अछि। ई बहरे हजज मोरब्बा सालिम अछि। गजलमे मान्य छूट लेल गेल अछि।सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों