शनिवार, 30 मई 2020

© कुन्दन कुमार कर्ण


शुक्रवार, 29 मई 2020

गजल

पानि मँगिते रौद धधकल
रौद मँगिते पानि बरसल 

मोन बुझिते देह उमकल
देह छुबिते मोन बहसल

पाँच बर्खक आस अतबे
धोधि उपजल पेट अफरल

चास केहन बास केहन
फूल रोपल काँट उपजल

ई समय केहन समय छै
प्राणमे छै प्राण अटकल

सभ पाँतिमे 2122-2122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

मंगलवार, 26 मई 2020

गजल

डोकहर वासिनी ग्रामिणी भगवती 
दुखहरी सुखकरी राज राजेश्वरी

मातृदेवी युगल उर्वरी कामिनी
सुंदरी माधुरी काम कामेश्वरी

शालिनी मालिनी शेखरी रागिनी
रुचिकरी शुचिकरी नाद नादेश्वरी

धर्मदा अर्थदा कामदा मोक्षदा 
जयकरी शुभकरी योग योगेश्वरी

कंकिनी काकिनी कोटरी साधिके
शंकरी सहचरी सर्व सर्वेश्वरी

सभ पाँतिमे 212-212-212-212 मात्राक्रम अछि।

शुक्रवार, 22 मई 2020

गजल

माथा छाती हाथो माछ
रसमे डूबल अधरो माछ 

देखू भेलै केहन भाग
पोखरि कूदै तरलो माछ

अगड़ा पिछड़ा चक्कर चालि
पोठी बनतै रहुओ माछ

अनकर पोखरि कत्ते आस
देलक धोखा अपनो माछ 

केहन केहन हेतै जाल
से सभ जानै नवको माछ

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

गुरुवार, 21 मई 2020

हलिउड/इङ्गलिश फिल्मक गीतमे मिटर (छन्द/बहर)

मात्र हिन्दी फिल्ममे नै इङ्गलिश फिल्मी गीत सबमे सेहो मिटरक भरपूर प्रयोग भेल छै । निच्चा देखू हलिउडक सुपर डुपर हिट फिल्मक अतिलोकप्रिय गीत जे कि गीतक दुनियामे बहुतो रेकर्ड कायम करैत रेकर्डिङ्ग इन्डस्ट्री एशोसियन अफ अमेरिकाद्वारा शताब्दीक गीत(song of the century) मे समावेश भेल छै । एहि गीतक मुखडा आ मुखडाक पैटर्न जतए दोहराएल छै ततए एक किसिमक(6-6-8-6-6-8) आओर अन्तरा आ अन्तराक पैटर्न जतए दोहराएल छै ततए एक किसिमक(7-9-7-6-8) शब्दांश संख्या(syllable count), अर्थात मुखडा आ अन्तरामे दू अलत-अलग मिटरक प्रयोग भेल छै ।

Movie: Titanic (1997)
Lyrics: Will Jennings
Vocal: Celine Dion
Music: James Horner

Every night in my dreams
I see you, I feel you,
That is how I know you go on
Far across the distance
And spaces between us
You have come to show you go on

Near, far, wherever you are
I believe that the heart does go on
Once more you open the door
And you're here in my heart
And my heart will go on and on

Love can touch us one time
And last for a lifetime
And never let go till we're one
Love was when I loved you
One true time I hold to
In my life we'll always go on

Near, far, wherever you are
I believe that the heart does go on
Once more you open the door
And you're here in my heart
And my heart will go on and on

You're here, there's nothing I fear,
And I know that my heart will go on
We'll stay forever this way
You are safe in my heart
And my heart will go on and on


Scansion:

6-6-8-6-6-8
Eve/ ry/ night/ in/ my/ dre/ams…………………..…….6 syllables
I/ see/ you/ I/ feel/ you………………....………………….6 syllables
That/ is/ how/ I/ know/ you/ go/ on………………...8 syllables
Far/ ac/ ross/ the/ dis/ tance…………………………....6 syllables
And/ spa/ ces/ bet/ ween/ us……………………...…...6 syllables
You/ have/ come/ to/ show/ you/ go/ .…..……….8 syllables


7-9-7-6-8
Near/ far / wher/ ev/ er/ you/ are…………………..….7 syllables
I / be / lieve / that / the / heart/ does/ go/ on…..9 syllables
Once/ more/ you/ o/ pen/ the/ door…………………7 syllables
And/ you're/ here/ in/ my/ heart……………………….6 syllables
And /my/ heart/ will/ go/ on/ and/ on…………..….8 syllables
6-6-8-6-6-8
Love/ can/ touch/ us/ one/ time…………………..……6 syllables
And/ last/ for/ a/ life/ time…………..…………………….6 syllables
And/ ne/ ver/ let/ go/ till/ we're/ one….…………….8 syllables
Love/ was/ when/ I/ loved/ you…………………………6 syllables
One/ true/ time/ I/ hold/ to……………………………….6 syllables
In/ my/ life/ we'll/ al/ ways/ go/ on……………………8 syllables


7-9-7-6-8
Near/ far / wher/ ev/ er/ you/ are……………………...7 syllables
I / be / lieve / that / the / heart/ does/ go/ on…..9 syllables
Once/ more/ you/ o/ pen/ the/ door…………………7 syllables
And/ you're/ here/ in/ my/ heart……………………….6 syllables
And /my/ heart/ will/ go/ on/ and/ on……………...8 syllables


7-9-7-6-8
You're/ here/ there's/ no/ thing/ I/ fear……………..7 syllables
And/ I/ know/ that/ my/ heart/ will/ go/ on……...9 syllables
We'll/ stay/ for/ ev/ er/ this/ way…………………….…7 syllables
You/ are/ safe/ in/ my/ heart………………………….....6 syllables
And/ my/ heart/ will/ go/ on/ and/ on…………...…8 syllables

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-32

फिल्म: शिकारी (2000)
शाइर: समीर
गायक: कुमार सानु
संगीतकार: आदेश श्रीवास्तव
मुख्य कलाकारः गोविन्दा, करिशमा कपुर

बहर-ए-मुतकारिब मुसम्मन सालिम (122 x 4)

बहुत ख़ूबसूरत गज़ल लिख रहा हूँ
तुम्हे देखकर आजकल लिख रहा हूँ

मिले कब कहाँ, कितने लम्हे गुजारे
मैं गिन गिन के वो सारे पल लिख रहा हूँ

तुम्हारे जवां ख़ूबसूरत बदन को
तराशा हुआ इक महल लिख रहा हूँ

न पूछों मेरी बेकरारी का आलम
मैं रातों को करवट बदल लिख रहा हूँ

तक्तीअः

बहुत ख़ू / बसूरत / गज़ल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122
तुम्हे दे / खकर आ / जकल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

मिले कब / कहाँ कित / ने लम्हे / गुजारे
122 / 122 / 122 / 122
मैं गिन गिन / के वो सा / रे पल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

तुम्हारे / जवां ख़ू / बसूरत / बदन को
122 / 122 / 122 / 122
तराशा / हुआ इक / महल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

न पूछों / मेरी बे / करारी / का आलम
122 / 122 / 122 / 122
मैं रातों / को करवट / बदल लिख / रहा हूँ
122 / 122 / 122 / 122

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-31


फिल्म: आवारगी (1990)
गीतकार: आनंद बक्षी
गायक: गुलाम अली
संगीतकार: अनु मलिक

मात्राक्रमः 1222-1222-1222-1222 (बहर-ए-हजज)

चमकते चाँद को टूटा हुआ तारा बना डाला
मेरी आवारगी ने मुझको आवारा बना डाला

बड़ा दिलकश बड़ा रंगीन हैं ये शहर कहते हैं
यहाँ पर हैं हज़ारों घर घरों में लोग रहते हैं
मुझे इस शहर ने गलियों का बंजारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा.........

मैं इस दुनिया को अक्सर देखकर हैरान होता हूँ
न मुझसे बन सका छोटा सा घर दिन रात रोता हूँ
खुदाया तूं ने कैसे ये जहां सारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा.........

मेरे मालिक मेरा दिल क्यूँ तड़पता है सुलगता है
तेरी मर्ज़ी तेरी मर्ज़ी पे किसका ज़ोर चलता है
किसी को गुल किसी को तूने अंगारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा.........

यही आग़ाज़ था मेरा यही अंजाम होना था
मुझे बरबाद होना था मुझे नाकाम होना था
मुझे तक़दीर ने तक़दीर का मारा बना डाला
चमकते चाँद को टूटा.........

तक्तीअः

चमकते चाँ/द को टूटा/ हुआ तारा/ बना डाला
122 2/1 2 22/ 12 22/12 22
मेरी आवा/रगी ने मुझ/को आवारा/ बना डाला
12 22/12 2 2/ 1 222/12 22

बड़ा दिलकश/ बड़ा रंगी/न हैं ये शह/र कहते हैं
12 22/12 22/ 1 2 2 2/1 22 2
यहाँ पर हैं/ हज़ारों घर/ घरों में लो/ग रहते हैं
12 2 2/122 2/ 12 2 2/1 22 2
मुझे इस शह/र ने गलियों/ का बंजारा/ बना डाला
12 2 2/1 2 22/ 1 222/12 22

मैं इस दुनिया/ को अक्सर दे/खकर हैरा/न होता हूँ
1 2 22/1 22 2/ 12 22/12 22
न मुझसे बन/ सका छोटा/ सा घर दिन रा/त रोता हूँ
1 22 2/12 22/ 1 2 2 2/1 22 2
खुदाया तूँ/ने कैसे ये/ जहां सारा/ बना डाला
122 2/1 22 2/ 12 22/12 22

मेरे मालिक/ मेरा दिल क्यूँ/ तड़पता है/ सुलगता है
12 22/12 2 2/ 122 2/122 2
तेरी मर्ज़ी/ तेरी मर्ज़ी/ पे किसका ज़ो/र चलता है
12 22/12 22/ 1 22 2/1 22 2
किसी को गुल/ किसी को तू/ने अंगारा/ बना डाला
12 2 2/12 2 2/ 1 222/12 22

यही आग़ा/ज़ था मेरा/ यही अंजा/म होना था
12 22/1 2 22/ 12 22/1 22 2
मुझे बर्बाद होना था मुझे नाकाम होना था
12 22/1 22 2/ 12 22/1 22 2
मुझे तक़दी/र ने तक़दी/र का मारा/ बना डाला
12 22/1 2 22/ 1 2 22/12 22

सोमवार, 18 मई 2020

गजल

पूरा धरती नापल ओ
चुप्पे चुप्पे कानल ओ

सुर  लयकारी अनकर छै
अनके आशे नाचल ओ

सभटा माया हुनके छनि
चट हारल पट जीतल ओ

बिख माहुर ओ कीदन खा
कनियें कनियें बाँचल ओ 

बड़का दुख अनचिन्हारक 
चिन्हारक छै दागल ओ

सभ पाँतिमे 222-222-2 मात्राक्रम अछि (बहरे मीर)। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शुक्रवार, 15 मई 2020

गजल

दरबार के प्रतीक्षामे
उद्धार के प्रतीक्षामे 

छै लाश एखनो पड़ले
अखबार के प्रतीक्षामे 

धिक्कार सहि कऽ बैसल छै
सत्कार के प्रतीक्षामे 

बुधियार सभ रहल ठाढ़े
बुधियार के प्रतीक्षामे 

कचनार संग गेंदा सभ
प्रतिकार के प्रतीक्षामे 


सभ पाँतिमे 2212-1222 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शेर जे सभ दिन शेर रहतै-2

प्रस्तुत अछि योगानंद हीराजीक ई शेर आ एकरा उपर किछु हमर बात--

शूल सन बात ई
संसदे जेल अछि

जाहि गजलसँ ई शेर लेल गेल अछि तकर बहर 2122+12 अछि। एहि शेरमे संसदकेँ जेल कहल गेल छै मुदा संसदमे तँ नेता रहै छै। मुदा जँ नेता रहितै तखन फेर शाइर लेल शूल सन बात किए होइतै? किछु अलग बात छै। लगभग १९६० सँ भारतीय राजनीतिमे बाहुबली सभ दबदबा राखए लागल जे कि १९९० धरि अबैत-अबैत स्थायी भऽ गेलै एवं आब ई हाल छै जे नेता आ अपराधीमे कनो विशेष अंतर नै रहलै। आ जखन अंतर नहिए छै तखन तँ संसदे जेल हेतै मुदा ई साधारण जेल नै। ई एहन जेल अछि जाहिमे अपराधी अपन सजा अपने सुनाबै छै। हीराजीक ई शेर भारतीय राजनीति केर एक्स रे प्लेट अछि जाहिमे अहाँ साफ-साफ देखि सकैत छी जे भारतीय राजनीतिमे की भऽ रहल छै। मात्र सात-आठ शब्दमे साठ-सत्तर सालक बात कहि देब एहि शेरक विशेषता अछि आ सेहो बिना कोनो भयकेँ। मैथिली गजलक बहुत रास शेरमेसँ ई शेर अपन अलग स्थान राखैए। 

शेर जे सभ दिन शेर रहतै-1

सीताराम झाजीक ई शेर अछि जाहिपर हमर संक्षिप्त विचार देखल जाए ---

अछि देशमे दुपाटी कङरेस ओ किसानक
हम माँझमे पड़ल छी बनि कै बिलाड़ि तीतल

जाहि गजलक ई शेर अछि तकर बहर अछि 2212+ 122+2212+ 122 ई शेर तहियाक अछि जहिया भाजपा नै रहै आ ओकर पितृसंगठन राजनीतिमे नै रहै। आइ केर समयमे किछु परिवर्तनक संग देश दुइए पार्टीसँ चलि रहल अछि। आ जनता ओही समय जकाँ एखनो भीजल बिलाड़ि बनल अछि। एहि आधारपर कहि सकैत छी जे सीताराम झाजी ई शेर कालजयी अछि आ अपना समयकेँ भेदन करैत एखुनको समय लेल प्रासंगिक बनल अछि। कतेको देशमे दुइए राजनीतिक दलकेँ मान्यता छै मुदा भारतमे कोनो सीमा नै मुदा प्रवृतिक हिसाबसँ देखी तँ भारतीय जनता सेहो दुइए पार्टीक अवधारणापर काज करैत अछि।

गुरुवार, 14 मई 2020

गजल

चास नै छै बास नै छै  गाम नै छै
वस्तु नै छै वास्तु नै छै दाम नै छै

आबि बैसल मोनमे अपने हिसाबें
नेह नै छै सोह नै छै काम नै छै

बस खुशीमे अंग बूझू संग बूझू 
आ दुखीमे काज नै छै नाम नै छै

देशमे रावण कुम्भकर्णो मेघनादो  
केसरी नै लाल लक्ष्मण राम नै छै 

सर्द इच्छा भाव सर्दे सर्द भेटल
चाह नै छै धाह नै छै घाम नै छै

सभ पाँतिमे 2122-2122-2122 मात्राक्रम अछि (बहरे रमल मोसद्दस सालिम )।  सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

मंगलवार, 12 मई 2020

गजल

नमो मेधा महामाया नमो देवी
नमो भाषा नमो जटिला नमो ब्राह्मी

नमो सीता नमो राधा नमो धन्या
नमो वसुधा नमो अनघा नमो लक्ष्मी

नमो दुर्गा नमो सत्या नमो आद्या
नमो काली नमो चंडी महाकाली 

नमो तारा नमो माँजरि नमो कुसुमा
नमो लोना नमो लखिमा नमो थेरी

नमो गंडक महानंदा नमो गंगा
नमो कमला नमो जीबछ नमो कोशी

सभ पाँतिमे 1222-1222-1222 केर मात्राक्रम अछि। परंपरासँ प्राप्त शब्दकेँ बहरमे सजा देल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

शुक्रवार, 1 मई 2020

गजल

रघुपति राघव राजाराम
कोना चुकतै श्वासक दाम

सुंदर सुंदर चकमक नग्र
उपटल बिलटल सभहँक गाम

गरदनि खातिर एकै रंग
सोना चाँदी लोहा ताम

पुछने रहियै एकै प्रश्न
उत्तर देलक इमली आम

उज्जर शोणित पीयर नोर
हरियर थाकनि कारी घाम

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि। "रघुपति राघव राजाराम"  लक्ष्मणाचार्य रचित "श्री नम: रामायणम्" केर अंश अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।


तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों