गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। ओना उर्दू केर पुरान नज्ममे निश्चित रूपे बहर भेटत मुदा अंग्रेजी प्रभावसँ सेहो उर्दू प्रभावित भेल आ बिना बहरक नज्म सेहो लिखाए लागल। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------
फिल्म "हाँ मैंने भी प्यार किया" केर ई नज्म जे कि उदित नारायण जी द्वारा गाएल गेल अछि। नज्म लिखने छथि समीर। संगीतकार छथि नदीम-श्रवण। ई फिल्म 2002 मे रिलीज भेलै। एहिमे अक्षय कुमार, करिश्मा कपूर, अभिषेक बच्चन आदि कलाकार छलथि। एहि नज्मक सभ पाँतिक मात्राक्रम 122-122-122-122 अछि। पूरा नज्म प्रेम-विरह आ गेयतासँ भरल अछि मुदा हरेक पाँतिमे बहरक पूरा पालन भेल छै।ई नज्म ओहन-ओहन लोकक मूँहपर थापर अछि जे कहै छथि जे बहरक पालनसँ कथ्य आ गेयता घटि जाइ छै। एहि नज्मक रुबाइ "तेरे माथे की बिंदिया चमकती रहे...." माहौल बनेबाक लेल देल गेल छै। संगे-संग नज्मक अंतिम पाँति "जा मैंने भी प्यार किया है" फिल्मी सिचुएशनकेँ देखेबाक लेल छै।
तेरे माथे की बिंदिया चमकती रहे
तेरे हाथों की मेंहदी महकती रहे
तेरे जोड़े की रौनक सलामत रहे
तेरी चूड़ी हमेशा खनकती रहे
मुबारक हो तुम को ये शादी तुम्हारी
सदा खुश रहो तुम दुआ है हमारी
तुम्हारे कदम चूमे ये दुनिया सारी
तुम्हारे लिए है बहारों के मौसम
न आये कभी ज़िन्दगी में कोई गम
हमारा है क्या यार हम है दिवाने
हमारी तड़प तो कोई भी न जाने
मिले ना तुम्हें इश्क़ में बेक़रारी
के जन्मो के रिश्ते नहीं तोड़े जाते
सफर में नहीं हमसफ़र छोड़े जाते
न रस्मों रिवाजो को तुम भूल जाना
जो ली है कसम तो इसे तुम निभाना
के हमने तो तन्हा उमर है गुजारी
जा मैंने भी प्यार किया है
हाँ मैंने भी प्यार किया है
एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। ई गीत निच्चा सुनि सकैत छी--