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सोमवार, 19 मई 2025
करेजामें अपन हम की बसेने छी - गजल
जगदानन्द झा 'मनु' द्वारा मैथिली भक्ति गजलक प्रस्तुति
मंगलवार, 13 मई 2025
रुबाइ
जीवन मृत्युकेँ छोर तोहर हाथमे
कठपुतली इ जग डोर तोहर हाथमे
हम सरनागत एलौं तोहर सरनमे
सगरो कष्टक तोड़ तोहर हाथमे
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
रविवार, 11 मई 2025
रुबाइ
जिनका देलौं करेजा ओ वेपारी
मोनसँ खलेलनि जनि क हमर लाचारी
हम रहि सिधा साधा सज्जन बेचारी
ओ पहुँचल फेरल बड़ पैघ खेलाड़ी
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
शनिवार, 26 अप्रैल 2025
रुबाइ
हे कृष्ण फेर अवतार एकबेर लिअ
पापी कुकरमी सभकेँ आबि घेर लिअ
धरती इ अहाँक डूबि रहल अधर्ममे
जतरा आबि एक बेर अपन फेर लिअ
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
गुरुवार, 9 जनवरी 2025
गजल
अनलौं करेजा अपन ई स्वीकार करु
हमरासँ एना अहाँ नै बेपार करु
गरदनि उठा कनिक हमरा नहि देखबै
हम आब एतेक कोना सिंगार करु
सस्ता महग बाढ़ि रौदी सगरो भरल
सोइच गरीबक अहाँ किछु सरकार करु
हरलौं कते युगसँ तन मन धन बनि अपन
ऐ आतमा पर हमर नहि अधिकार करु
झूठक बटोरल अहाँकेँ बहुमत रहल
‘मनु’ नहि सड़ल बाँटि जनता बेमार करु
(बहरे सगीर, मात्राक्रम - 2212-2122-2212)
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’
रविवार, 5 जनवरी 2025
अपने एना अपने मूँह-49
जनवरी २०२४ मे कुल दू टा पोस्ट भेल जाहिमे आशीष अनचिन्हारक दू टा गजल अछि।
फरवरी २०२४ मे कुल दू टा पोस्ट भेल जाहिमे जगदानंद झा मनुक दू टा गजल अछि।
मार्च २०२४ मे कुल तीन टा पोस्ट भेल जाहिमे जगदानंद झा मनुक दू पोस्टमे एक गजल आ एक रुबाइ अछि। आशीष अनचिन्हारक १ पोस्टमे १ टा भक्ति गजल अछि।
अप्रैल २०२४ मे कुल दू टा पोस्ट भेल जाहिमे जगदानंद झा मनुक एक गजल आ एक रुबाइ अछि।
मइ एवं जून २०२४ मे कोनो पोस्ट नहि अछि।
जुलाइ २०२४ मे कुल दू टा पोस्ट भेल जाहिमे जगदानंद झा मनुक एक गजल आ एक रुबाइ अछि।
अगस्त आ सेप्टेम्बर २०२४ मे कोनो पोस्ट नहि अछि।
अक्टूबर २०२४ मे दू पोस्ट भेल जाहिमे एक पोस्टमे जगदानंद झा मनुक एक गजल अछि। आ आशीष अनचिन्हारक एक पोस्टमे अपने एना अपने मूँह अछि।
नवंबर २०२४ मे दू पोस्ट भेल जाहिमे दू पोस्टमे जगदानंद झा मनुक गजलक भीडियो देल गेल अछि।
दिसंबर २०२४ मे ४ पोस्ट भेल जाहिमे चारि पोस्टमे जगदानंद झा मनुक एक-एक टा रुबाइ अछि, एकटा गजल अछि आ एकटा पोस्टमे गजलक भीडियो देल गेल अछि।