गजल-1.66
एक ठोप प्रेम चलते तड़पैत छी
मान तोहर चित्र नोरसँ पोछैत छी
प्रीतकेँ पकड़ब सहज नै आँखिसँ बुझू
सत हियाकेँ हाथ लेने हँकमैत छी
आइ बदलल सन लगै छै दुषित हवा
एक जोड़ा मोर तन-मन मिलबैत छी
सोन सन जीवन निशामे मातल रहय
तेँ उधारी माँगि दुख पिबैत छी
धातुकेँ सोना तँ बनबै छै आगिये
तेँ सिनेहक आगिमे तन जड़बैत छी
बहरे जदीद
2122-2122-2212
अमित मिश्र
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रविवार, 25 अगस्त 2013
गजल
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amit mishra
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों