सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

गजल

जै ठाँ निबाह नै हेतै
तै ठाँ उछाह नै हेतै

रहतै समुद्र नुनगर आ
पोखरि अथाह नै हेतै

केना कहू जे किछु रहने
दुनियाँ बताह नै हेतै

किछु झूठ लेल मरलो सन
सच तोतराह नै हेतै

सभ साधनाक एकै फल
जीवन कँचाह नै हेतै


सभ पाँतिमे 2212+1222 मात्राक्रम अछि
दोसर शेरक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ नियम शैथिल्यक कारण लघु मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों