गंगामे नहा नहा कऽ बाजत
पापी सभ ठठा ठठा कऽ बाजत
सीधा लोक केर नग्रमे जे
बाजत से घुमा फिरा कऽ बाजत
जकरा सत्य कहि गुजरि चलै छै
से गर्दनि कटा कटा कऽ बाजत
जक्कर मूँह मौधमे बसल छै
सदिखन से छुआ छुआ कऽ बाजत
कतबो जोड़ि लिअ विवेक संपति
बजनाहर घटा घटा कऽ बाजत
सभ पाँतिमे 2221-212-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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