जँ हम मरि जाइ कनिको नै अहाँ कानब
बितल जे संग ओ सगरो खुशी गानब
करेजामे नुकोने छी कतेको दुख
हमर सामर्थ जे मुँहपर हँसी आनब
जहर पी दर्द के हम चिन्हलौ दुनियाँ
नदीमे ठेल सिखने लोक अछि छानब
द कर्जा मांगि देखू एक दिन ककरो
सगर दुनियाँक माया छन्नमे जानब
सिनेह प्रेम दोस्ती नाम मतलबकेँ
कपट ‘मनु’ भेषमे सब एतए दानब
(बहरे हजज, मात्राक्रम : 1222-1222-1222)
✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’