मंगलवार, 15 जुलाई 2025

गजल


आबि जायब हमर अंतिम बिदाई पर

फूल दय देब हाथसँ मुँह दिखाई पर 

 

नोर नहि देखलक आँखिक कियो जगमे

नजरि सबहक   हमर हाथक मिठाई पर 

 

पोसलौं पेट  जीवन भरि कमा हम मरि

घेंट लेलक कटा हँसि ओ  फिदाई पर

 

आइ दिन धरि तँ सब सहिते छलौंहेँ हम

आबि जिद गेल पापीकेँ मिटाई पर

 

केकरा ‘मनु’ कहत आ के सुनत एतअ

सब हँसै छैक आनक पिटाई पर

(बहरे मुशाकिल, मात्राक्रम - 2122-1222-1222)

✍🏻जगदानन्द झा ‘मनु’

 


तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों