शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

गजल

सात तहमे दाबल बात
बड़ महकलै झाँपल बात

काँपि रहलै रसगर ठोर
काँपि रहलै कोमल बात

नै नुका सकलै भीतरमे
चमचमाइत माँजल बात

हमरा लग उजड़ल पुजड़ल तँ
हुनका लग छै साँठल बात

चुप रहू किछु नै बाजू
हमहूँ जानी जानल बात

सभ पाँतिमे 2122 + 2221 मात्राक्रम अछि
तेसर चारिम आ पाँचम शेरक किछु दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों