बुधवार, 10 अगस्त 2016

गजल

उजड़ैए जे आँगन बाबा
नाचैए पतराखन बाबा

भानस भात बना धेलक ओ
चीखैए किछु चाखन बाबा

अजगर गहुँमन साँखर संगे
घूमैए बड़ धामन बाबा

टालक टाल लगा मरि गेलै
लूटैए सभ लूटन बाबा

किछु दुर्घटना हेबे करतै
झूमैए मनभावन बाबा

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
ऐ गजलमे दू टा काफियाक प्रयोग अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों