गुरुवार, 27 सितंबर 2018

गजल

अगबे भाषण झुट्ठा कहीं के
चुप बेहूदा कुत्ता कहीं के

भेटै नेहक बदला सिनेहे
नै संभव रे सुद्धा कहीं के

हिस्सा पबिते भागल लफंदर
रुक बेठूआ लुच्चा कहीं के

अपनाकेँ मानथि नमरी  सैंतल
हमरा कहलथि छुट्टा कहीं के

दुनियाँ मानै शैतान बड़का
अपना मोने सुच्चा कहीं के

सभ पाँतिमे 22-22-22-122 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

सोमवार, 24 सितंबर 2018

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-17

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। ओना उर्दू केर पुरान नज्ममे निश्चित रूपे बहर भेटत मुदा अंग्रेजी प्रभावसँ सेहो उर्दू प्रभावित भेल आ बिना बहरक नज्म सेहो लिखाए लागल। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

आइ देखू "अनारकली" फिल्म केर ई नज्म जे कि लता मंगेशकर जी द्वारा गाएल गेल अछि। नज्म लिखने छथि राजेंद्र कृष्ण। संगीतकार छथि सी.रामचंद्र। ई फिल्म 1953 मे रिलीज भेलै। एहिमे  प्रदीप कुमार, बीना राय आदि कलाकार छलथि।


इस इंतेज़ार-ए-शौक को जनमों की प्यास है
इक शमा जल रही है तो वो भी उदास है

मुहब्बत ऐसी धड़कन है जो समझाई नहीं जाती
ज़ुबां पर दिल की बेचैनी कभी लाई नहीं जाती

चले आओ, चले आओ तक़ाज़ा है निगाहों का
किसी की आरज़ू ऐसे तो ठुकराई नहीं जाती

मेरे दिल ने बिछाए हैं सजदे आज राहों में
जो हालत आशिक़ी की है वो बतलाई नहीं जाती

एहि नज्मक सभ पाँतिक मात्राक्रम 1222-1222-1222-1222 अछि। एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। मुदा एहि पाँति "मेरे दिल ने बिछाए हैं सजदे आज राहों में" मे बहर टूटल छै आ शाइर एकर गजल कहियो नै रहल छथिन। बहुत काल शाइर गजल वा नज्मसँ पहिने माहौल बनेबाक लेल एकटा आन शेर दैत छै ओना ई अनिवार्य नै छै। एहि नज्मसँ पहिने एकटा शेर "इस इंतेज़ार-ए-शौक को जनमों की प्यास है" माहौल बनेबाक लेल देल गेल छै।


शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

गजल

खिचने गेलै जिंदा खाल
लगुआ भगुआ जहरीलाल

भीतर लगलै कसगर चोट
बाहर खाली कादो थाल

इम्हर चूबै अगबे घाम
उम्हर बाजै सुर लय ताल

कानूनक अछि नवका नाम
टूटल हाथक फाटल जाल

एकै टा छथि सभहँक नाथ
अतबे आसा सालो साल

सभ पाँतिमे 22-22-22-21 मात्राक्रम अछि।सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

गजल

गरीबक नाम मजबूरी मिश्रा
अमीरक नाम अंगूरी मिश्रा

प्रस्ताव लटकल रहलै अधरमे
नहिए भेलै मंजूरी मिश्रा

भेल छै हुनकर ठोरक लालीसँ
पूरा जीवन सिंदूरी मिश्रा

छै अपने लेखक अपने पोथी
संस्था छै अपने जूरी मिश्रा

केकरो दोस्ती नै टूटै मुदा
ईहो छलै बड़ जरूरी मिश्रा

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222 222 222 अछि। दू टा अलग अलह लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

रविवार, 9 सितंबर 2018

हिंदी फिल्मी गीतमे बहर-16

गजलक मतलामे जे रदीफ-काफिया-बहर लेल गेल छै तकर पालन पूरा गजलमे हेबाक चाही मुदा नज्ममे ई कोनो जरूरी नै छै। एकै नज्ममे अनेको काफिया लेल जा सकैए। अलग-अलग बंद वा अंतराक बहर सेहो अलग भ' सकैए संगे-संग नज्मक शेरमे बिनु काफियाक रदीफ सेहो भेटत। मुदा बहुत नज्ममे गजले जकाँ एकै बहरक निर्वाह कएल गेल अछि। ओना उर्दू केर पुरान नज्ममे निश्चित रूपे बहर भेटत मुदा अंग्रेजी प्रभावसँ सेहो उर्दू प्रभावित भेल आ बिना बहरक नज्म सेहो लिखाए लागल। मैथिलीमे बहुत लोक गजलक नियम तँ नहिए जानै छथि आ ताहिपरसँ कुतर्क करै छथि जे फिल्मी गीत बिना कोनो नियमक सुनबामे सुंदर लगैत छै। मुदा पहिल जे नज्म लेल बहर अनिवार्य नै छै आ जाहिमे छै तकर विवरण हम एहि ठाम द' रहल छी-----------------

आइ देखू "नगीना" फिल्म केर ई नज्म जे कि मोहम्मद अजीज जी द्वारा गाएल गेल अछि। नज्म लिखने छथि आनंद बख्शी। संगीतकार छथि लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल। ई फिल्म 1986 मे रिलीज भेलै। एहिमे ऋषि कपूर, श्रीदेवी, अमरीश पुरी, प्रेम चोपड़ा आदि कलाकार छलथि।


आज कल याद कुछ और रहता नहीं
एक बस आपकी याद आने के बाद
याद आने से पहले चले आईये
और फिर जाइये जान जाने के बाद

अपनी आँखों में मुझको बसा लीजिये
अपने दिल में मेरा घर बना दीजिये
क्या करूँ दिल कहीं और लगता नहीं
प्यार में आपसे दिल लगाने के बाद

इश्क़ के मैंने कितने फ़साने सुने
हुस्न के कितने किस्से पुराने सुने
ऐसा लगता है फिर इस तरह टूट कर
प्यार हमने किया एक ज़माने के बाद

आपका नाम दिल से निकलता नहीं
दिल्लगी में कोई ज़ोर चलता नहीं
आपको भूल जाने की कोशिश भी की
और तड़पा हूँ मैं भूल जाने के बाद

पहिल आ तेसर पाँतिक मात्राक्रम अछि 212-212-212-212 तेनाहिते दोसर आ चारिम पाँतिक मात्राक्रम अछि 212-212-212-212+1 मूल मात्राक्रम अछि 212-212-212-212 मुदा उर्दूमे (मैथिलीयोमे) छूटक तौरपर अंतिम लघु मान्य छै। एकर बादक बंद सभमे पहिल तीन पाँतिक मात्राक्रम 212-212-212-212 आ चारिम पाँतिक मात्राक्रम अछि 212-212-212-212+1 एकर तक्ती उर्दू हिंदी नियमपर कएल गेल अछि। एहि नज्मकेँ शेरमे सेहो बदलि सकैत छी जेना निच्चा बदलल गेल छै--

आज कल याद कुछ और रहता नहीं एक बस आपकी याद आने के बाद
याद आने से पहले चले आईये और फिर जाइये जान जाने के बाद

अपनी आँखों में मुझको बसा लीजिये अपने दिल में मेरा घर बना दीजिये
क्या करूँ दिल कहीं और लगता नहीं प्यार में आपसे दिल लगाने के बाद

मतलाक दूनू पाँति मात्राक्रम छै 212-212-212-212 212-212-212-212+1 आ तकर बाद दोसर शेरक पहिल पाँतिक मात्राक्रम छै 212-212-212-212 212-212-212-212 जे कि उर्दू सहित मैथिलियोमे छूटक तौरपर मान्य छै मने जँ एहि नज्मकेँ गजल कहल जाए ताहूमे कोनो दिक्कत नहि। ई गीत एहिठाम सुनि सकैत छी.........




तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों