अगबे भाषण झुट्ठा कहीं के
चुप बेहूदा कुत्ता कहीं के
भेटै नेहक बदला सिनेहे
नै संभव रे सुद्धा कहीं के
हिस्सा पबिते भागल लफंदर
रुक बेठूआ लुच्चा कहीं के
अपनाकेँ मानथि नमरी सैंतल
हमरा कहलथि छुट्टा कहीं के
दुनियाँ मानै शैतान बड़का
अपना मोने सुच्चा कहीं के
सभ पाँतिमे 22-22-22-122 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
चुप बेहूदा कुत्ता कहीं के
भेटै नेहक बदला सिनेहे
नै संभव रे सुद्धा कहीं के
हिस्सा पबिते भागल लफंदर
रुक बेठूआ लुच्चा कहीं के
अपनाकेँ मानथि नमरी सैंतल
हमरा कहलथि छुट्टा कहीं के
दुनियाँ मानै शैतान बड़का
अपना मोने सुच्चा कहीं के
सभ पाँतिमे 22-22-22-122 मात्राक्रम अछि। चारिम शेरमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें