सोमवार, 22 अक्तूबर 2018

गजल

हे जया जगदम्बा जगतारिणी कि जय हो
भगवती कल्याणी भयनाशिनी कि जय हो

कष्ट मोचक कामाक्षी जग सुखस्वरुपा
दुर्गपारा देवी दुखहारिनी कि जय हो

सिंहपर अासित मैया मातृका भवानी
कामिनी व्रह्मा वरदायिनी कि जय हो

इन्द्र दुखमे पुजलक परमेश्वरी अहींके
देव रक्षक अजिता कात्यायिनी कि जय हो

नाम जपलापर भक्तक मृत्यु जाइ छै टरि
शैलपुत्री कालक संहारिनी कि जय हो

रहि हृदयमे कुन्दनपर नित करब करुणा
प्रार्थना अछि र्इ पशुपति भामिनी कि जय हो

212-222-2212-122

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों