सोमवार, 1 जुलाई 2019

गजल

बनि ठनि रचि रचि कऽ सिंगार केलक ओ
हमर सारापर पिकनिक मनेलक ओ

गरीबक हिस्सा खेलक पचेलक ओ
तकर बादे धारे झा कहेलक ओ

चलब नियति छै जीवन केर ई कहि कऽ
बाटे घाटे अनवरत घुमेलक ओ

पहिने बनेने छल बम गोली मुदा
अइ बेर हमरा पायल बनेलक ओ

अनचिन्हारे सन कठकरेज बुझलक
तँइ उदास खिस्सा हँसि कऽ सुनेलक ओ

सभ पाँतिमे 22-22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों