नव नौतारक संसार सोहावन
नै बँचतै कोनो शब्द वा साहस
सत्ता चाहै प्रतिकार सोहावन
खा रहलै दुखमे बोरि सुख सुविधा
बहुरुपिया के परचार सोहावन
आगूमे लाशक ढेर तइ बादो
सुनिते रहलै जैकार सोहावन
ओ सपना इच्छा बेचि लेने छै
बड़का बड़का पैकार सोहावन
सभ पाँतिमे 22-22-22-1222 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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