ठीक तखने दोस पहुँचल ढेर ढाकी ज्ञान लेने
पाइ जेबीमे नै रहने बुझि लियौ उन्टे रहत गति
मूँह पाकत पानि पीने हाथ पाकत चान लेने
ओकरा हमहीं सिखेलहुँ रूप बदलब रंग बदलब
अंतमे चलि गेल हमरे मूँह हमरे कान लेने
मूर्ख चुनि लिअ यदि अहाँकेँ अछि जगतमे सुखसँ रहबाक
खूब पछताइत रहब हमरे जकाँ विद्वान लेने
नौकरीसँ प्राण बाँचल छै गरीबक बात मानू
देखि लिअ हालति हुनक जे सभ रहथि खरिहान लेने
सभ पाँतिमे 2122-2122-2122-2122 मात्राक्रम अछि। ई बहरे रमल मोसम्मन महजूफ़ अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। दू शेरमे गजलक मान्य छूट लेल गेल अछि।
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