शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023

गजल

रसिकता छै बहुत बेसी जमानामे
आ लुच्चा छै बहुत बेसी जमानामे

हमर हक मारि बैसल छै हगलगंडा
कमीना छै बहुत बेसी जमानामे

असली भूख लगने भेटि जेतै रस
गुजारा छै बहुत बेसी जमानामे

गलत गलते रहत सभदिन सही कारण
तरीका छै बहुत बेसी जमानामे

कहल आ बेकहल दुन्नू दिशा देखू
नमूना छै बहुत बेसी जमानामे

घटल छै लक्ष्य दुनियाँमे मुदा इम्हर
निशाना छै बहुत बेसी जमानामे

घटा देलक हटा देलक मिटा देलक
तमाशा छै बहुत बेसी जमानामे

जरूरी नै जे हुनके लग दया बाँचल
विधाता छै बहुत बेसी जमानामे


सभ पाँतिमे 1222-1222-1222 मात्राक्रम अछि। ई बहरे हजज मोसद्दस सामिल अछि (एकरा बहरे हजज सालिम छह रुक्नी सेहो कहल जाइत छै)। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023

रुबाइ


पाथर करेजा हमर प्रभु कोमल करु

एतअ रहि अहाँ एहेन सिनेहल करु

संसारक जंजालसँ मुक्ति दय ‘मनु’केँ

अपने चाकरीमे  सदिखन राखल करु 

✍🏻  जगदानन्द झा ‘मनु’

बुधवार, 25 अक्टूबर 2023

रुबाइ


दुनिया जँ नै पुछलक तँ कोनो बात नै

मोन रही अहाँके तेहनो बात नै 

आइ सगर समाज चिन्है धनीकेकेँ

‘मनु’केँ जँ जाइ बिसरि एहनो बात नै 

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

गजल

खड़ाम पैरमे नहि  अकास मोनमे छल

कुहास बहुत बाहर  इजोत टोनमे छल 

 

टएरकेँ चलाबी गरीब तेँ बुझू नहि 

हमर अपन सगर धन अहाँक लोनमे छल 

 

किएक आनके दुख  बुझत चलाक  नेता

हुनक सगर बुढ़ापा तँ   सेफ जोनमे छल 

 

सिनेह शांति  सबटा जगतसँ  गेल हेरा

अखनसँ नीक बेसी मनुष्य बोनमे छल 

 

पतंग  पाछु  भागैत   मनुक  हर्ख देखू

पुतौह केर जेना  बहिनसँ  फोनमे छल 

(मात्राक्रम 121-2122-121-2122, सभ पाँतिमे)

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023

गजल

श्यामल सुंदर हियधर राजा
राघव राजा प्रियवर राजा

कौशल्या प्रिय दशरथ नंदन
चंदन लेपित मधुकर राजा

श्री सीतापति हनुमत सेवित
भ्राता पूजित जयकर राजा

शाश्वत वेदात्मा परमात्मा
सभ गुण आगर हरिहर राजा

देव उचारै राम रमाकर
लोक उचारै रघुवर राजा


-अनचिन्हार

सभ पाँतिमे 22-22-22-22 मात्राक्रम अछि। दू अलग-अलग लघुकेँ एक दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। ई बहरे-मीर अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि। 

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों