मंगलवार, 30 जुलाई 2024

गजल

जकरा केलहुँ अपना बुझि
से सभ भागल अनका बुझि

हमरा गेने घाटा छनि
नहिए गेलहुँ दुविधा बुझि

बजने हेतै किछु ने किछु
चुप्पे रहलै खतरा बुझि

असगर रहलहुँ आँगनमे
लोको देखै मजमा बुझि

हेता ओ साँचक मुरती
जनता पहुँचल चमचा बुझि

सभ पाँतिमे 22-22-22-2 मात्राक्रम अछि। ई बहरे मीर अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

शुक्रवार, 5 जुलाई 2024

रुबाइ

मुँह पर दरद आबि जेए मरद नै

हर बहैत जे  बसि जेए बरद नै 

जिम्मेदारी घरक गेल विदेशमे 

‘मनु’ केना बुझलक जेए दरद नै

✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’


तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों