गजल
एकटा चान जे हमरा लग राति मे अबैए
वएह त कागत पर पाँति मे अबैए
जीबाक लेल त जी सकैत छी अहाँक बिनु
मुदा कतेक दिन सएह त ने बुद्धि मे अबैए
आँखि सँ नमहर सपना नहि देखबाक चाही
फुनगीक आस मे बैसल जड़ि मे अबैए
पिजाएल लाठी किएक केकरा लेल
अपने खुट्टाक बड़द त जजाति मे अबैए
किएक केकरो घरवाली के कहबै हड़ाशंखनी
जखन अपने घरवालीक गनती हड़ाहि मे अबैए
- मुखपृष्ठ
- अनचिन्हार आखरक परिचय
- गजल शास्त्र आलेख
- हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
- भजनपर गजलक प्रभाव
- अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
- समीक्षा/आलोचना/समालोचना
- गजल सम्मान
- गजलकार परिचय शृखंला
- गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
- विश्व गजलकार परिचय शृखंला
- छंद शास्त्र
- कापीराइट सूचना
- अपने एना अपने मूँह
- गजलक इस्कूल
- गजलकार
- अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
- आन-लाइन मोशायरा
- आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
- मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
- Maithili Ghazal Books Download
- शेर जे सभ दिन शेर रहतै
गुरुवार, 1 अक्तूबर 2009
गजल
खोजबीनक कूट-शब्द:
अनचिन्हार,
बिना छंद-बहरक
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
पिजाएल लाठी किएक केकरा लेल
जवाब देंहटाएंअपने खुट्टाक बड़द त जजाति मे अबैए
गाँधी जन्म दिवस पर इ शेर् प्रासंगिक भए गेल अछि। धन्यवाद।