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गुरुवार, 27 मई 2010
गजल
देह अहाँक केराक थंब सन गोर-नार लगैए
अड़हूलक फूल सन भकरार लगैए
नोर अहाँक बेली, चमेली, गेंदा, गुलाब
मुदा हँसी अँहाक सिंगरहार लगैए
मरनाइ हरदम मरनाइ होइत छैक केकरो लेल
मनुखक लाश सन कटल कचनार लगैए
शीशोक शीश कटल चSहुक चSहु टुटल
आमक नव पल्लव अंगार लगैए
आम लताम जाम शरीफा
जकरे देखू सभ अनचिन्हार लगैए
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