जतबए हुअए भाइ टाहि दिऔ
निशिबद्दताक जड़ि उखाड़ि दिऔ
नीक काज के रोकए जे
डाँड़ ओकर ससारि दिऔ
काज जँ नहि हुअए सोझ बाटे
भाभट अपन पसारि दिऔ
भुतिआ गेलै मनुखताइ मोन सँ
कने कुशलक खढ़ी उचारि दिऔ
अनचिन्हारक करेज भीजल काठ
कने प्रेमक आगि पजारि दिऔ
- मुखपृष्ठ
- अनचिन्हार आखरक परिचय
- गजल शास्त्र आलेख
- हिंदी फिल्मी गीतमे बहर
- भजनपर गजलक प्रभाव
- अन्य भारतीय भाषाक गजलमे बहर
- समीक्षा/आलोचना/समालोचना
- गजल सम्मान
- गजलकार परिचय शृखंला
- गजलसँ संबंधित आडियो/वीडियो
- विश्व गजलकार परिचय शृखंला
- छंद शास्त्र
- कापीराइट सूचना
- अपने एना अपने मूँह
- गजलक इस्कूल
- गजलकार
- अर्चा-चर्चा-परिचर्चा
- आन-लाइन मोशायरा
- आशीष अनचिन्हारक रचना संसार
- मैथिली गजलसँ संबंधित आन लिंक, पन्ना ओ सामग्री
- Maithili Ghazal Books Download
- शेर जे सभ दिन शेर रहतै
सोमवार, 7 जून 2010
गजल
खोजबीनक कूट-शब्द:
अनचिन्हार,
बिना छंद-बहरक
गुरुवार, 3 जून 2010
गजल
चीजे जखन बेकार छैक कमार की करतैक
लोहार कि करतैक सोनार की करतैक
खेत त छैक मुदा खेतिए नहि
सुखाड़ कि करतैक दहार की करतैक
भावना दबल हो जतए पाइक तरें
प्यार की करतैक लचार की करतैक
टीस बढ़ए त आशीष लग आउ
चिन्हार की करतैक अनचिन्हार की करतैक
लोहार कि करतैक सोनार की करतैक
खेत त छैक मुदा खेतिए नहि
सुखाड़ कि करतैक दहार की करतैक
भावना दबल हो जतए पाइक तरें
प्यार की करतैक लचार की करतैक
टीस बढ़ए त आशीष लग आउ
चिन्हार की करतैक अनचिन्हार की करतैक
खोजबीनक कूट-शब्द:
अनचिन्हार,
बिना छंद-बहरक
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों