शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

गजल:


गजल:
गप्प पिबै छी मुखपोथी पर​
गप्प छटै छी मुखपोथी पर​

संग रहै से बिछुरल मीता ​
मीत तकै छी मुखपोथी पर​

गाम​-घरक हम बिसरल​ बोली
बोल सिखै छी मुखपोथी पर​

डाक घरक हम बाटो बिसरल​
पत्र लिखै छी मुखपोथी पर

पंच रहल नञ पनचाइत घर​
पंच बनै छी मौखपोथी पर​

भेंट हमर नञ किनको संगे
कुशल पुछै छी मुखपोथी पर​

कहब गजल से मंचो उजरल​
गजल कहै छी मुखपोथी पर​
सभ पाँतिमे मात्राक्रम –21-122-2222        

© राम कुमार मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों