शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

गजल

चाहलौँ जकरा हम जान परानसँ
छोड़ि हमरा से चलि गेल गुमानसँ

जे कहै जिनगी भरि संग रहब हम
से करेजा देलक चीर असानसँ

एखनो टटका अछि दर्द हियामे
व्यक्त कोना शब्दक करब बखानसँ

हम त पुजलौँ प्रेमक बनि कऽ पुजगरी
सत धरम पूरा निस्वार्थ इमानसँ

जीविते बनि गेलौँ लास जकाँ हम
हम त गेलौँ कुन्दन आब जहानसँ

मात्राक्रम : 2122-2221-122

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों