बुधवार, 1 जुलाई 2015

गजल

प्रेममे मीता, बेरबाद छी हम
मूल छथि ओ, अनुवाद छी हम

प्रीतक भाषा, हुनका ठोर अछि
आ दुख भीजल संवाद छी हम

सुखक जिनगी संग काटलहुँ
दुखमे किए, अपवाद छी हम

प्रीतक फसलि, जरलै खेतमे
गिरहत ओ, खाली खाद छी हम

हुनकासँ एहने संबंध, जेना
ओ दिल्ली, आ इस्लामाबाद छी हम

वर्ण-12

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों