बुधवार, 15 जुलाई 2015

गजलकार परिचय शृखंला भाग-41








नाम : सुनील कुमार झा

पिता : श्री शंकर झा
माता : इंदिरा देवी
जन्म : 4/5/1988, सोनबरसा राज, सहरसा, बिहार
स्थायी पता - ग्राम पोस्ट : सोनबरसा राज, जिला - सहरसा, बिहार - 852129
ई मेल - njha61@gmail.com
शिक्षा : नैनपन केर शिक्षा अपन गाम स शुरू केलोंउ आ हाई स्कूल केर बाद कोनो नीक साधन नई हैबाक कारण ए. एन इंटर कॉलेज, दुमका स इंटर केर पढाई विज्ञान विषयक संग पूरा केलों। फेर शिक्षा लेल दिल्ली एलोऊ मुदा एतोका रंग में रंगी क नौकरी पकैड़ लेलोंउ, अखन McCann World Group  में सहायक छी, आ इग्नू स पर्यटन म स्नातक कए रहल छी।
साहित्य : विद्यार्थी जीवन से  कविता लेखन मे बड़ रूचि छल, स्कूल आ कॉलेज के कैकटा मंच पर अपन कविता पाठ कए चुकल छी। 2010 स अंतरजाल पर विदेह स जुड्बाक मौका भेटल, किछु गजेन्द्र जीक मार्गदर्शन स किछु लिखय लेल प्रेरित भेलोंउ, इ हमर सौभग्य अछि जे विदेह पर हमर किछु रचना क चुनल गेल, हालाकिं ओतेक नीक नै मुदा साहित्यिक जीवन केर सुरुआत एतेय स पूर्ण रुपें भेल। फेर फेसबुक केर विदेह ग्रुप पर आशीष जी भेट भेल आ अनचिन्हार आखर हमरा आकर्षित केलक, आ आशीष जीक मार्गदर्शन स अनचिन्हार आखर पर अपन गजल, रुबाई लिख लागलहूँ, अखन किछु दिन स ग़ज़ल स दूर भए गेल छी, अर्थक पाछू बेकल रहैत छी त समय के सेहो आभाव लगैत अछि, ओना नीक शुरुवात के लेल अनचिन्हार आखर पर गज़लक स्कूल केर संगोपान्गाय अध्यन म लागल छी, गुरुदेव क आशीर्वाद स फेर एही विधा आ आयब।  साहित्य केर एकटा नव आवाम देबय लेल हम सदिखन  आभारी रहब श्री गजेन्द्र ठाकुर जी आ आशीष जीकँ।


सुनीलजी विदेह आ अनचिन्हार आखरसँ जुड़ल पुरान गजलकार, हाइकूकार ओ मुकरीकार छथि (संपादक)।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों