रविवार, 18 जून 2017

भक्ति गजल

अन्त सभके एक दिन हेबे करै छै
छोडि दुनिया एक दिन जेबे करै छै

मोन आनन्दित जकर सदिखन रहल ओ
गीत दर्दोके समय गेबे करै छै

जै हृदयमे भक्ति परमात्माक पनुकै
बुद्ध सन बुद्धत्व से पेबे करै छै

प्रेम बाटू जीविते जिनगी मनुषमे
मरि क' के ककरोसँ की लेबे करै छै

दान सन नै पैघ कोनो पुण्य कुन्दन
लोक फिर्तामे दुआ देबे करै छै

बहरे-रमल [2122-2122-2122]

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों