गुरुवार, 31 अगस्त 2017

हजल

हम्मर तोहर हुनकर बाबा
सभहँक छै भकचोन्हर बाबा

कौआ कुक्कुर गदहा गदही
आनर बानर सूगर बाबा

ढ़नमन ढ़नमन पूरा दुनियाँ
अपने बनलथि सोंगर बाबा

इच्छाधारी लीलाधारी
अगबे ताकल लोफर बाबा

अनका ठकलथि बहुते बजलथि
भेलथि जेलक भीतर बाबा

सभ पाँतिमे 22222222 मात्राक्रम अछि

मंगलवार, 29 अगस्त 2017

गजल

हम्मर अँगना मैया एली
गमके चहुदिस अरहुल बेली

धन हम छी धन हम्मर अँगना 
मैया जतए दर्शन देली

आबू बहिना संगी हम्मर 
मैया संगे    सामाँ खेली 

जे किछू अछि एखन हमरा ल'ग 
ओ  सबटा  मैया   द'क  गेली

बड़ भागसँ 'मनु' भेटल अवसर 
मैया अप्पन   चरण लगेली

(सब पाँतिमे आठ-आठटा दीर्घ, मकताक दोसर पाँतिमे दूटा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानक छूट लेल गेल अछि)
जगदानन्द झा 'मनु'

मंगलवार, 22 अगस्त 2017

गजल

बाहर जते फेम छै
भीतर तते ब्लेम छै

प्लेयर सहित फील्ड आ
अम्पायरो सेम छै

जैठाँ बहुत जौहरी
तैठाँ कनी जेम छै

अनकर हड़पि आनि लेब
अतबे हुनक एम छै

तोड़ब हृद्य मोनकेँ
ई ओकरे गेम छै

सभ पाँतिमे 2212-212 मात्राक्रम अछि
चारिम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

सोमवार, 21 अगस्त 2017

गजल

बढलै देश-देश बीच हथियारक प्रतिस्पर्धा
राष्ट्रियताक नाम पर अहंकारक प्रतिस्पर्धा

मानवताक गप्प लोक कतबो करै जमानामे
देखल बेवहारमे तिरस्कारक प्रतिस्पर्धा

पेन्टागनसँ कोरिया सहनशीलता कतौ नै अछि
मिसियो बात लेल भेल ललकारक प्रतिस्पर्धा

साहित्यिक समाजमे चलल राजनीति सम्मानक
लेखन पर धिआन नै पुरस्कारक प्रतिस्पर्धा

धरती एक टा अकास एके समान छै कुन्दन
भरि मुट्ठीक माटि लेल सरकारक प्रतिस्पर्धा

2221-2121-2212-1222

© कुन्दन कुमार कर्ण

www.kundanghazal.com

शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

गजल

हमहूँ पागल की नै ये फल्लाँ के माए
ओहो बाकल की नै ये फल्लाँ के माए

साड़ीनामा धोतीनामा देखिए देखि
जीवन फाटल की नै ये फल्लाँ के माए

ओ उड़ि उड़ि आबै बहुत मुदा उड़िते रहलै
नहिए भेटल की नै ये फल्लाँ के माए

छिड़िआइत रहलै लुत्ती जइँ तइँ जखन तखन
किछु नै बाँचल की नै ये फल्लाँ के माए

खाली बाजहे के छलै ने बाजि देलियै
डर नै लागल की नै ये फल्लाँ के माए

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222-222-222-222 अछि
दूटा अलग-अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

गुरुवार, 17 अगस्त 2017

गजल

एकै आदमी चोर फकीरक सरदार
बड़ हरीफ लागैए शरीफक सरदार

बाहर टूटल फूटल भीतर चकमक छै
बड़ अमीर लागैए गरीबक सरदार

एना पसरल हेतै गुप्त बात सौंसे
कनपातर लागैए बहीरक सरदार

मोती केर आसमे गहलहुँ धार मुदा
बड़ उत्थर लागैए गँहीरक सरदार

रहि जेतै ई आसन बासन सिंहासन
आ चुप्पे उड़ि जेतै शरीरक सरदार

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

सोमवार, 7 अगस्त 2017

गजल

मोन पड़लै
नोर खसलै

अर्थ दिव्यांग
शब्द टहलै

बात बजिते
जीह कटलै

देह छुबिते
देह गललै

लोक अप्पन
आन लगलै

सभ पाँतिमे 2122 मात्राक्रम अछि
दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रि अछि
तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों