सोमवार, 7 अगस्त 2017

गजल

मोन पड़लै
नोर खसलै

अर्थ दिव्यांग
शब्द टहलै

बात बजिते
जीह कटलै

देह छुबिते
देह गललै

लोक अप्पन
आन लगलै

सभ पाँतिमे 2122 मात्राक्रम अछि
दोसर शेरक पहिल पाँतिक अंतिम लघु छूटक तौरपर लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रि अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों