गुरुवार, 17 अगस्त 2017

गजल

एकै आदमी चोर फकीरक सरदार
बड़ हरीफ लागैए शरीफक सरदार

बाहर टूटल फूटल भीतर चकमक छै
बड़ अमीर लागैए गरीबक सरदार

एना पसरल हेतै गुप्त बात सौंसे
कनपातर लागैए बहीरक सरदार

मोती केर आसमे गहलहुँ धार मुदा
बड़ उत्थर लागैए गँहीरक सरदार

रहि जेतै ई आसन बासन सिंहासन
आ चुप्पे उड़ि जेतै शरीरक सरदार

सभ पाँतिमे 222-222-222-22 मात्राक्रम अछि
दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों