केहन छै ई लोकक आँखि
फूलक मूँह काँटक आँखि
सभहँक भूख एकै रंग
ताकै खाद खेतक आँखि
कोनो बिंदुपर मीलल छै
शहरक आँखि गामक आँखि
सुरजक बात कहिए देत
भोरक देह साँझक आँखि
अनचिन्हार एबे करतै
रहलै जागि बाटक आँखि
सभ पाँतिमे 2221 2221 मात्राक्रम अछि
मतलाक पहिल पाँतिमे एकटा दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि, तेसर आ पाँचम शेरक पहिल पाँतिक अंतिम दीर्घकेँ लघु मानबाक छूट लेल गेल अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि
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