गुरुवार, 9 नवंबर 2017

गजल

कागजमे सुधार छलै
फाइलमे बहार छलै

केहन बेबहार छलै
कनियों नै विचार छलै

टूटल बस पगार छलै
सरकारो लचार छलै

किश्ती भरि कऽ आबि रहल
जीवनमे उधार छलै

बनि चिन्हार खूब फँसल
अनचिन्हार पार छलै

सभ पाँतिमे 22-212-112 मात्राक्रम अछि
सुझाव सादर आमंत्रित अछि

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों