मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

गजल

हुनका आगू कोनो मुद्दा नै बँचलै
कुर्सी टेबुल चप्पल जुत्ता नै बँचलै

जिनका आगू राखल छै खाली आँठी
तिनका आगू रसगर गुद्दा नै बँचलै

सभ भऽ गेलै अपना मोने साधू संत
अइ संसारमे कियो लुच्चा नै बँचलै

हेहर कहियौ थेत्थर कहियौ या किच्छो
ई सच सभ दिन बँचलै सत्ता नै बँचलै

भूखसँ जो़ड़ल समान एलै बजारमे
महँगा नै बँचलै आ सस्ता नै बँचलै

सभ पाँतिमे मात्राक्रम 222 222 222 22 अछि। दू टा अलग अलग लघुकेँ दीर्घ मानबाक छूट लेल गेल अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों