घरहिमे उगल छै तरेगन
हृदयमे बसल छै तरेगन
विकासक कऽ अनघोल सौंसे
तुरंते घुरल छै तरेगन
अबारा हवा मेघ मौसम
अबारा बनल छै तरेगन
जहाँ धरि रहै चान सूरज
तहाँ धरि मरल छै तरेगन
हमर के हुनक के किनक के
अहीमे फँसल छै तरेगन
सभ पाँतिमे 122-122-122 मात्राक्रम अछि। सुझाव सादर आमंत्रित अछि।
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